गया: भगवान बुद्ध की पावन ज्ञान भूमि बोधगया स्थित तिब्बती मठ में बौद्धों के शीर्ष धर्मगुरु परम पावन दलाईलामा का 87वां जन्मदिवस भव्य तरीके से मनाया गया. इस दौरान बौद्ध धर्म गुरुओं ने तिब्बती परंपरा के अनुसार उनके दीर्घायु होने की विशेष पूजा-अर्चना की. साथ ही 25 पाउंड का केक काटकर एक- दूसरे को खिलाया. इस कार्यक्रम में बोधगया स्थित विभिन्न देशों के कई बौद्ध धर्मगुरु, लामा व श्रद्धालु शामिल हुए.
इस मौके पर तिब्बती मठ के प्रभारी भंते आमजी लामा ने कहा कि आज परम पावन दलाईलामा का 87वां जन्मदिन हैं. जिसे हमलोग 25 पाउंड का केक काटकर मना रहे हैं. इसके अलावा तिब्बती परंपरा के अनुसार उनकी लंबी आयु को लेकर विशेष रूप से पूजा-अर्चना की गई है. इस कार्यक्रम में बोधगया स्थित श्रीलंका, थाईलैंड, म्यानमार, बांग्लादेश, भूटान सहित अन्य कई देशों के बौद्ध धर्मगुरु, लामा व श्रद्धालु शामिल हुए हैं. उन्होंने कहा कि आज दलाईलामा का जन्मदिन मंगोलिया देश से आनलाइन मनाया जा रहा है. जहां स्वयं दलाईलामा भी मौजूद हैं.
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उन्होंने कहा है कि वे लगभग 20 से 30 साल तक और जियेंगे. उनका कहना है कि मानवता के कल्याण हेतु वे लंबा जीवन जीना चाहते हैं. यही वजह है कि हमलोग भी उनकी दीर्घायु होने की कामना कर रहे हैं. उनकी लाइफ सौ साल से भी ज्यादा हो. वहीं आमजी लामा ने कहा कि हमलोगों की दिली इच्छा है कि चीन से बातचीत कर अगर समझौता हो जाता है, तो हमलोग वापस अपने देश तिब्बत लौट जाएं.
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आमजी लामा (प्रभारी तिब्बत मोनेस्ट्री- बोधगया)
वहीं बौद्ध धर्मगुरु भंते चंद्रमुनि ने कहा कि दलाईलामा बौद्ध श्रद्धालुओं के अध्यात्मिक धर्मगुरु हैं. उनके प्रति बौद्धों में अटूट आस्था है. आज उनका 87वां जन्मदिन हमलोग मना रहे हैं. साथ ही उनके लंबे जीवन की कामना कर रहे हैं. ताकि वे लंबे समय तक मानव के कल्याण हेतु अपना आशीर्वचन देते रहे. आज का दिन बौद्धों के लिए बहुत खास दिन है.
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भंते चंद्रमुनि (बौद्ध धर्मगुरु)
गया से प्रदीप कुमार सिंह की रिपोर्ट
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