गया (Pradeep Kumar Singh) भगवान बुद्ध की पावन ज्ञानभूमि बोधगया स्थित बांग्लादेश मोनेस्ट्री में कठिन चीवरदान (बौद्ध भिक्षुओं का वस्त्र) समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें लगभग विश्व के विभिन्न देशों के 3 हजार बौद्ध भिक्षु शामिल हुए. कोरोना के कारण 2 वर्ष बाद इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसे लेकर बांग्लादेश मोनेस्ट्री से विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर तक शोभायात्रा भी निकाली गई.
कार्यक्रम के आयोजनकर्ता बांग्लादेश मोनेस्ट्री के प्रभारी भंते डॉ. कल्याण प्रिय भिक्षु ने बताया कि आज कठिन चीवरदान समारोह का आयोजन किया गया है. जिसमें विश्व के लगभग 3 हजार बौद्ध भिक्षुओं के बीच चीवरदान दिया गया है. उन्होंने कहा कि 3 माह के वर्षा काल के बाद बौद्ध भिक्षु के बीच चीवरदान देने की परंपरा रही है. इसी चीवर को पहनकर बौद्ध भिक्षु जीवन यापन करते हैं. एक वर्ष में एक बार इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है.
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उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण 2 वर्ष तक चीवरदान समारोह का आयोजन नहीं किया गया था. लेकिन इस बार चीवरदान समारोह का आयोजन किया गया है. इसे लेकर व्यापक पैमाने पर कार्यक्रम किया जा रहा है. 2 हजार से भी ज्यादा की संख्या में बांग्लादेश से श्रद्धालु यहां पहुंचे हैं. इसके अलावा विश्व के थाईलैंड, लाओस, कंबोडिया, वियतनाम, कोरिया, कनाडा, म्यांमार, बांग्लादेश सहित कई देशों के बौद्ध भिक्षु व श्रद्धालु कार्यक्रम में शामिल हुए हैं. साथ ही विश्व के कल्याण हेतु विशेष पूजा-अर्चना की गई है. बांग्लादेश मोनेस्ट्री से महाबोधि मंदिर तक शोभायात्रा भी निकाली गई हैं. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य मानवता का कल्याण है. उन्होंने कहा कि चूंकि इस कार्यक्रम की अनुमति भारत सरकार ने दी है. इसलिए हम उन्हें भी धन्यवाद देते हैं. कार्यक्रम में बोधगया के कई गणमान्य लोग भी शामिल हुए हैं.
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भंते डॉ. कल्याण प्रिय (भिक्षु प्रभारी, बांग्लादेश मोनेस्ट्री, बोधगया)