गया (Pradeep Kumar Singh) चर्चित बारा नरसंहार मामले में गया व्यवहार न्यायालय में मुख्य अभियुक्त किरानी यादव को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी ने टाडा एक्ट के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. साथ ही 3 लाख 5 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है. यह सजा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनाई गई.
*17 सालों से जेल में बंद है आरोपी*
इस संबंध में बचाव पक्ष के वकील तारिक अली ने कहा कि बारा नरसंहार मामले में मुख्य अभियुक्त किरानी यादव उर्फ रामचंद्र यादव को अदालत की ओर से आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है, लेकिन हमलोग इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं, क्योंकि अभियुक्त लगातार 17 सालों से जेल में बंद है. इसके अलावा और भी कई लीगल प्वाइंट्स हैं. चूंकि टाडा एक्ट के तहत यह सजा सुनाई गई है, इसलिए हाईकोर्ट जाने का कोई प्रोविजन नहीं है. इसलिए हमलोग इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.
बाइट
तारिक़ अली (वकील बचाव पक्ष)
*1992 का है मामला*
पूरा मामला वर्ष 1992 का है. जिसमें किरानी यादव पर यह आरोप है कि वर्ष 1992 के 12 फरवरी की रात्रि किरानी यादव के नेतृत्व में बारा गांव में एमसीसी पार्टी की ओर से 35 लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई थी. इसके बाद लगातार कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही थी. हालांकि इसमें कई लोगों को अभियुक्त बनाया गया था. लेकिन किरानी यादव इंडिपेंडेंट मामले का ट्रॉयल कर रहे थे. इस संबंध में आज यह सजा सुनाई गई है.
35 लोगों की हुई थी हत्या
गौरतलब है कि वर्ष 1992 के 12 फरवरी की रात्रि प्रतिबंधित नक्सली संगठन एमसीसी पार्टी की ओर से गया जिले के टिकारी थाना क्षेत्र के बारा गांव में धावा बोल दिया गया था. इस दौरान हथियार के बल पर एमसीसी पार्टी के लोगों ने एक जाति विशेष के ग्रामीणों को हाथ-पैर बांधकर बाहर निकाला और गांव के बाहर ले जाकर 35 लोगों की निर्ममता पूर्वक गला रेतकर हत्या कर दी गई थी. तब यह मामला काफी चर्चा में आया था. लोगों की गिरफ्तारी हुई थी. 35 से भी ज्यादा लोगों को नामजद किया गया था. कई अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज किया गया था. 31 साल बाद इस मामले में मुख्य नामजद आरोपी किरानी यादव को साजा सुनाई गई है.
video