गम्हरिया/ Bipin Varshney एक्सआईटीई कॉलेज के फैकल्टी द्वारा लिखित नवीनतम पुस्तक ‘टूवार्ड्स सस्टेनेबल ग्रोथ इन इंडिया, कनेक्टिंग द मिसिंग डाट का विमोचन किया गया. प्राचार्य फादर फ्रांसिस ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र सतत विकास को ऐसे विकास के रूप में परिभाषित करता है जो भविष्य की पीढ़ियों की अपनी जरूरतों को पूरा करने की क्षमता से समझौता किए बिना वर्तमान की जरूरतों को पूरा करता है. पर्यावरण और विकास के बीच असंतुलन ही समस्या है.
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कुल दस अध्यायों में शामिल पुस्तक में स्थिरता के मुद्दे के साथ- साथ इसके अनछुए उप विषयों पर साक्ष्य- आधारित प्रतिबिंब शामिल हैं. उन्होंने कहा कि मनुष्य के पास हासिल करने के लिए साधन और इच्छाशक्ति है लेकिन जब तक यह एक ठोस प्रयास नहीं बन जाता तब तक अंतर बना रहेगा. फादर मुक्ति क्लेरेंस एसजे ने पुस्तक का मार्गदर्शन और संपादन किया है. डॉ संचिता घोष चौधरी और प्रो अकिंचन ज़ाक्सा ने प्रूफरीड किया है. मौके पर डॉ पार्था प्रिय दास, प्रो अमित, डॉ संचिता घोष चौधरी, प्रो शालू कांत, प्रो अकिंचन, प्रो सुष्मिता सेन चौधरी, डॉ प्रमोद कुमार सिंह, डॉ राधा महाली, डॉ राजेश कुमार राणा, प्रो शैलेश कुमार दुबे, नवल चौधरी आदि का सहयोग किया.
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