गम्हारिया: सरायकेला जिले के गम्हरिया स्थित राजकीय महिला पॉलीटेक्निक कॉलेज के चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी नूर इस्लाम के समर्थन में उतरे झारखंड राज्य कर्मचारी महासंघ (त्रिपाठी गुट) की भूमिका सवालों के घेरे में आ गई है. विदित हो कि गुरुवार को महासंघ ने कॉलेज के प्राचार्य डॉ संजीव कुमार पर पिऊन नूर इस्लाम को प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए कॉलेज गेट पर प्रदर्शन किया था.
महासंघ ने प्राचार्य पर आरोप लगाया था कि पिऊन के माध्यम से डॉ संजीव कुमार जबरन बैंक से पैसे निकासी करवाते हैं और सरकारी पैसे का बंदरबांट करते हैं. नूर इस्लाम द्वारा इसका विरोध करने पर उसे काम से अलग रखा गया है. जबकि मामले की पड़ताल से इस बात का खुलासा हुआ कि नूर इस्लाम द्वारा महासंघ को भ्रामक जानकारी देकर प्रिंसिपल के खिलाफ भड़काया गया है. इसकी पुष्टि शुक्रवार को उस वक्त हुई जब नूर इस्लाम ने खुद को कॉलेज के एक कमरे में बंद कर लिया और महासंघ के अधिकारियों को फोन कर यह जानकारी दी कि मुझे प्रिंसिपल द्वारा बंधक बना लिया गया है. ठीक उसी वक्त प्रिंसिपल द्वारा मीडिया कर्मियों को इसकी जानकारी दी गई. मौके पर हमारे प्रतिनिधि भी कॉलेज पहुंचे तो पाया कि नूर इस्लाम महासंघ को गुमराह कर रहा है. उसे किसी ने बंधक नहीं बनाया. इस पूरे मामले पर जब विस्तार से कॉलेज के प्राचार्य से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि नूर इस्लाम को कॉलेज का ही एक सेवानिवृत कर्मचारी गाइड कर रहा है. विभागीय गड़बड़ी की वजह से उस कर्मचारी का वेतन और सेटलमेंट रुका हुआ है और मामला कोर्ट में लंबित है. नूर इस्लाम उसका करीबी है. इसी वजह से वह कॉलेज प्रबंधन और मुझे बदनाम कर रहा है. दो दिन की छुट्टी लेकर जाता है और हफ्तों गायब रहता है. जब सवाल- जवाब की जाती है तो बात- बात में महासंघ और मीडिया की धमकी देता है, जबकि कॉलेज की ओर से उससे कोई गलत काम नहीं करवाया जाता है. उसके बर्ताव से कॉलेज का हर कर्मचारी परेशान रहता है. रही बात भ्रष्टाचार की तो वे हर जांच को तैयार हैं. विभाग जब चाहे जांच कर सकती है.