गम्हरिया: प्रखंड कार्यालय से सटे प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सालय में पदस्थापित चिकित्सक डॉक्टर एसके रत्नाकर इन दिनों सुर्खियों में हैं. दरअसल मामला अस्पताल के जमीन के अतिक्रमण से जुड़ा है.
डॉ रत्नाकर का एक बयान सामने आया है. जिसमें वे दावा कर रहे हैं कि अस्पताल से सटे जमीन का अतिक्रमण हुआ है. डॉक्टर यह भी दावा कर रहे हैं कि इसको लेकर उनके द्वारा अंचल कार्यालय और विभाग के वरीय पदाधिकारी को अवगत कराया गया है. उन्होंने बताया कि 2021 से ही उनके द्वारा विभागीय स्तर से पत्राचार किया जा रहा है, बावजूद इसके अंचल कार्यालय अस्पताल के जमीन को लेकर गंभीर नहीं है.
बाईट
डॉ. एसके रत्नाकर (पशु चिकित्सक)
इधर अस्पताल से सटे जमीन के मालिक अनूप कुमार प्रसाद उर्फ पिंटू ने बताया कि डॉक्टर रत्नाकर का आरोप निराधार और बेबुनियाद है. उक्त जमीन उनके मां लालती सिन्हा के नाम से है. उन्होंने बताया कि खाता संख्या 716 के प्लॉट नंबर 394 में क्रमशः 6 डेसिमल, 1 डिसमिल, 2.8 डिसमिल और 1.41 डेसिमल कुल 11.21 डिसमिल जमीन की रजिस्ट्री उनकी मां के नाम से है और उन्हें अंचल कार्यालय से इसका एनओसी भी मिल चुका है. डॉक्टर रत्नाकर बेवजह सुर्खियों में बने रहने के लिए उनकी छवि को बदनाम कर रहे हैं. उन्होंने डॉक्टर रत्नाकर को चुनौती देते हुए कहा कि यदि उनके द्वारा अस्पताल की एक इंच जमीन भी अतिक्रमण की गई है तो वे कागजात के प्रस्तुत करें, यदि ऐसा नहीं है तो डॉक्टर रत्नाकर अपना बयान वापस लें. उन्होंने जिले के वरीय पदाधिकारी से डॉक्टर रत्नाकर के पदस्थापन को लेकर भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने बताया कि कई सालों से डॉक्टर रत्नाकर गम्हरिया प्रखंड में ही जमे हुए हैं और ऐसे अनर्गल बयान बाजी कर लोगों को गुमराह कर रहे हैं. वैसे मामला चाहे जो हो डॉ रत्नाकर के बयान के बाद क्षेत्र में विवाद गहरा गया है. आगे देखना यह दिलचस्प होगा, कि अंचल कार्यालय इस मामले पर क्या संज्ञान लेती है.
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अनूप कुमार प्रसाद (जमीन मालिक)