टाटा समूह की दो कंपनियों के कारपोरेट कार्यालय पुणे शिफ्ट किए जाने के फैसले के बाद राज्य की सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा ने टाटा समूह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है
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. इसी के तहत कल यानी 17 नवंबर को राज्य भर में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं, विधायकों एवं कार्यकर्ताओं ने टाटा समूह के संस्थापनों के समक्ष धरना प्रदर्शन कर समूह द्वारा लिए गए फैसले को वापस लेने की मांग की गई. धरना काफी हद तक सफल भी रहा, लेकिन धरना के बाद धरना स्थल के आसपास का नजारा अलग- अलग दिखा. सरायकेला के गम्हरिया स्थित टीजीएस से सटे जाहेर थान के पास धरना में शामिल लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई थी. जहां धरना में शामिल लोगों ने भोजन के बाद जूठन जाहेर थान के आस-पास ही फेंक दिया. जिससे वहां गंदगी का अंबार लग गया.
.इधर गुरुवार को जाहेर थान के सदस्यों ने कचरा उठाकर कंपनी के मुख्य द्वार से सटे रैयती जमीन के समक्ष फेंक दिया. अब सवाल यह उठता है, कि जाहेर थान के आसपास गंदगी फैलाने के लिए जिम्मेदारी किसकी तय होनी चाहिए.
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