गम्हरिया: टायो कॉलोनी में हुए हादसे के पांच दिनों बाद गम्हरिया सीओ अरविंद कुमार बेदिया शुक्रवार को पुनः टायो कॉलोनी पहुंचे टाटा प्रबंधन एवं प्रभावितों के साथ बैठक कर उन्हें आवंटित फ्लैटों के वस्तुस्थिति से अवगत हुए. मालूम हो कि उक्त हादसे में कुल 17 टायो कर्मी प्रभावित हुए हैं.
प्रभावितों की सूची
इस हादसे में पारस नाथ महतो, असित कुमार सिंह, गुरुचरण महतो, दिलीप कुमार सिंह, नंद जी सिंह, सुनील कुमार मिश्रा, गौतम महतो, अशोक महतो, पवन कुमार साहू, ललिंदर प्रसाद, झुन झुन पांडे, शिव शंकर शर्मा, श्याम शर्मा, सहदेव महतो, शशि रंजन, नीलकमल तांती एवं भादो सोरेन का फ्लैट जमींदोज हुआ है.
क्या निकला निष्कर्ष
बैठक के बाद अंचल अधिकारी ने बताया कि उपायुक्त के निर्देश पर आवंटित फ्लैटों का अवलोकन किया गया है. फिलहाल सभी प्रभावित कर्मियों को आवंटित फ्लैटों में जाने का अनुरोध किया गया है, ताकि खुले आसमान में उन्हें रात ना गुजारनी पड़े. उसके बाद उन फ्लैटों को प्रबंधन से वार्ता कर दुरुस्त कराया जाएगा.
क्या है कर्मियों की आपत्ति
मालूम हो कि टायो कंपनी बंद होने के बाद कुछ कर्मियों ने फाइनल सेटलमेंट नहीं लिया है. ये सभी प्रभावित वैसे ही कर्मी हैं. इनका मामला न्यायालय में लंबित है. पिछले 9 साल से प्रबंधन द्वारा उक्त फ्लैट का मरम्मत नहीं कराया गया था. इसी वजह से बीते रविवार से ई टाइप के फ्लैट गिरने शुरू हुए सोमवार को 17 फ्लैट एक साथ जमींदोज हो गए, जिससे इन फ्लैटों में रह रहे कर्मियों को भारी भरकम नुकसान उठाना पड़ा है. गनीमत रही कि इस हादसे में किसी इंसानी जानमाल की क्षति नहीं हुई है.
टाटा का दावा
हालांकि टाटा प्रबंधन की ओर से दावा किया गया है कि उक्त कर्मियों को फ्लैट खाली करने का निर्देश दिया गया था. उनके लिए अलग फ्लैट आवंटित किए गए हैं, मगर कर्मियों ने उन फ्लैटों में जाने से इनकार कर दिया. कर्मियों का कहना है कि जो फ्लैट उन्हें आवंटित किए गए हैं उनकी स्थिति भी इन्हीं फ्लैटों की तरह है. वहां भी उनके जान- माल की सुरक्षा संभव नहीं है.
चंपाई सोरेन ने की है पहल
पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने प्रभावितों से मिलकर उन्हें हर संभव सहयोग का भरोसा दिलाया था. बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री ने टाटा प्रबंधन एवं जेवीएनएल के अधिकारियों से वार्ता कर उपायुक्त को फ्लैटों का जांच करने का निर्देश दिया था.
आगे क्या
सीओ से वार्ता के बाद अब गेंद प्रभावितों के पाले है. वैसे प्रभावितों ने पुख्ता तौर पर यह नहीं बताया कि वह सीओ के आदेश का पालन करेंगे, आपको बता दें कि घटना के बाद से ही सीओ लगातार प्रभावितों के साथ खड़े हैं और उन्हें हर संभव सहयोग भी कर रहे हैं. टायो कर्मियों ने बताया कि टाटा प्रबंधन द्वारा उन्हें जान से मरवाने की योजना थी. यदि समय रहते वे सपरिवार फ्लैट से बाहर नहीं निकलते तो आज सारे कर्मी काल के गाल में समा गए होते और टाटा प्रबंधन केस जीत जाती. कर्मियो ने बताया कि इस हादसे को लेकर वकील से रायशुमारी कर रहे हैं. जल्द ही टाटा प्रबंधन के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कराया जाएगा.