सरायकेला: जिले में नियमित आपूर्ति पदाधिकारी के नहीं होने का लाभ जिले के डीलर उठा रहे हैं और लाभुकों को मनमाने ढंग से खाद्यान्न मुहैया करा रहे हैं. इसकी जांच नहीं होने के कारण डीलर खाद्यान्न का खुलेआम कालाबाजारी कर रहे हैं. गम्हरिया प्रखंड के पीडीएस डीलर प्रदीप ठाकुर के खिलाफ कई शिकायतें मिल रही है.


उपभोक्ताओं ने बताया कि कभी भी डीलर द्वारा समय पर खाद्यान्न का वितरण नहीं किया जाता है. डीलर द्वारा किसी भी प्रकार की जानकारी सूचना पट्ट पर नहीं दी जाती है. जबकि आपूर्ति विभाग के अधिसूचना के अनुसार सूचना पट्ट पर संबंधित सारी जानकारियां उपलब्ध कराना अनिवार्य है मगर प्रदीप ठाकुर द्वारा ऐसा नहीं किया जा रहा है.
बताया जाता है कि मार्च महीने में 41.97 खाद्यान्न का वितरण प्रदीप ठाकुर ने उपभोक्ताओं को किया है. जबकि अप्रैल महीने में मिले आवंटन के आधार पर महज 34.15% अनाज का वितरण लाभुकों को किया है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि बाकी बचा अनाज कहां गया ? क्यों विभाग के अधिकारी इसकी जांच करने की हिमाकत नहीं जुटा रहे हैं. आखिर प्रदीप ठाकुर या अन्य डीलरों के स्टॉक की जांच क्यों नहीं हो रही है ? मालूम हो कि पूर्व के जिला आपूर्ति पदाधिकारी झुनु कुमार मिश्रा द्वारा किए गए जांच के क्रम में प्रदीप ठाकुर के दुकान के भंडार में खाद्यान्न शून्य पाया गया था. उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था, मगर उनका तबादला होते ही मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. इसी साल 21 मार्च को वर्तमान प्रभारी प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी सह सीओ गम्हरिया कुमार अरविंद बेदिया ने भी प्रदीप ठाकुर के दुकान का औचक निरीक्षण किया था. उन्होंने ने भी गोदाम में अनाज का भंडारण शून्य पाया था. बावजूद इसके प्रदीप ठाकुर से स्पष्टीकरण मांग कर छोड़ दिया गया. बताया जाता है कि प्रदीप ठाकुर पर एक स्थानीय सफेदपोश का वरदहस्त है, जो विभाग के बड़े अधिकारियों पर दबाव बनवाकर उनकी मदद कर रहा है. सूत्रों की माने तो जांच से बचने के लिए डीलर सफेदपोश का सहारा लेकर तय रोस्टर से पहले विभागीय अधिकारियों से दबाव बनवा कर खाद्यान्न लेने की जुगत भिड़ा रहा है. यदि समय रहते जांच हो गई तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.
