गम्हरिया/ Bipin Varshney झारखंड में इन दिनों “आपकी योजना- आपकी सरकार- आपके द्वार” कार्यक्रम चल रहा है. हालांकि शिविरों में आवेदन पिछली बार की तुलना में इस बार कम आ रहे हैं. साथ ही निष्पादन की प्रक्रिया भी काफी धीमी गति से चल रही है. शनिवार को सरकारी अवकाश के दिन वैसे तो सभी कार्यालय बंद रहे मगर गम्हरिया प्रखंड कार्यालय स्थित कमरा संख्या 219 और 222 खुले रहे. बता दें कि कमरा संख्या 219 और 222 में आपूर्ति विभाग का काम होता है. जो दर्शाता है कि खाद्य आपूर्ति विभाग कितनी तन्मयता से काम कर रहा है.
प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी से जब पूछा गया कि सरकारी छुट्टी के दिन किसके आदेश से कार्यालय खुले हैं तो उन्होंने सीधे तौर पर प्रखंड विकास पदाधिकारी का नाम लिया और कहा कि “आपकी योजना- आपकी सरकार- आपके द्वार” कार्यक्रम में आवेदनों की संख्या काफी अधिक होने के कारण बैकलॉग हो गया था इसलिए उसे निपटाने के लिए कार्यालय खोला गया है. मजे की बात तो यह है कि उनके टेबल पर एक भी आवेदन ” आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वारा से संबंधित नजर नहीं आया. इसपर एमओ साहब भड़क उठे और कहा वरीय पदाधिकारी से पूछ लीजिए मगर वरीय पदाधिकारी खुद अपने कक्ष से नदारत रहे. हालांकि इस संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रवीण कुमार से पूछने पर उन्होंने बताया कि “हां उनके आदेश से आपूर्ति विभाग का कार्यालय खोलने का निर्देश दिया गया है.” बात यहीं खत्म हो जाती मगर आपको जानकर हैरानी होगी कि बीडीओ ने काम निपटाने का जिम्मा एमओ सुनील कुमार झा को दिया और साहब इसमें निजी कर्मी को लगाकर कम्प्यूटर के काम करवा रहे थे. कुछ डीलर कार्यालय के अंदर डील करते देखे गए कुछ कार्यालय के बाहर.
जब एमओ से पूछा गया कि निजी कर्मी किस एजेंसी से है तो उन्होंने कहा साहब से पूछिए. जब निजी कर्मी से उसका नाम पूछा गया तो उसने महादेव बताया मगर किसके आदेश से सरकारी काम सरकारी कम्प्यूटर पर निपटा रहे हो पूछा गया तो एमओ ने उसे फटकार लगाकर चुप करा दिया. बता दें कि गम्हरिया प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी इन दिनों खूब सुर्खियों में है. बताया जाता है कि उनकी पहुंच ऊपर तक है और अपनी मनमानी के लिए पूरे जिले में उनकी एक अलग पहचान है. उन्हें ना तो मंत्री के खौफ की परवाह है, ना ही विभागीय अधिकारियों का डर है. अब बीडीओ साहब को बताना चाहिए कि उन्होंने आदेश किसे दिया था. मार्केटिंग ऑफिसर को या उनके निजी कर्मी को ? आखिर सरकारी लॉगिंग पर निजी कर्मी कैसे कम कर रहा था !