DESK रविवार को सिंहभूम सांसद और एनडीए प्रत्याशी गीता कोड़ा सरायकेला विधानसभा के गम्हरिया मंडल के प्रस्तवित चुनावी दौरे के क्रम में मोहनपुर पहुंची. यहां पहुंचते ही ग्रामीणों ने गीता कोड़ा का पारंपरिक हरवे- हथियारों से लैस होकर विरोध शुरू कर दिया. विरोध इस कदर भड़का कि भाजपाई और ग्रामीण आमने- सामने आ गए. ग्रामीणों ने इस दौरान गीता कोड़ा के साथ उनके निजी सचिव के साथ धक्का मुक्की भी की. बीच बचाव के दौरान कई भाजपा नेताओं को चोटें भी आई. यह सिलसिला करीब डेढ़ घंटे तक चलता रहा. ग्रामीणों ने इस दौरान गीता कोड़ा के साथ मौजूद भाजपाइयों को बंधक बनाकर तबतक रखा जबतक पुलिस- प्रशासन के आलाधिकारी नहीं पहुंचे. करीब डेढ़ घंटे बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह सभी को ग्रामीणों के चंगुल से बाहर निकाला, उसके बाद सभी भाजपाई गम्हरिया थाना पहुंचे जहां भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष रश्मि साहू ने आठ लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराया है. हालांकि पुलिस की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. खबर है कि ग्रामीणों ने भी भाजपाइयों के खिलाफ काउंटर केस दर्ज कराया है. मजे की बात ये है कि जिनके खिलाफ बीजेपी की ओर से मामला दर्ज कराया गया है वे सभी दूसरे गांव के थे, तो क्या ये पूर्व नियोजित एजेंडा था ? ऐसे कई सवाल राजनीतिक गलियारों में तैरने लगे है.
क्या कहा ग्रामीणों ने
ग्रामीण शेखर टुडू ने बताया कि सरायकेला पांचवीं अनुसूची का जिला है. यहां गांव में प्रवेश करने से पहले ग्राम सभा की अनुमति जरूरी होती है. भाजपा नेता गणेश महाली ने इसका विरोध किया और उनके पारंपरिक हथियार “तीर” तोड़ डाले इसी वजह से ग्रामीण उग्र हुए और सभी को बंधक बना लिया. उनके द्वारा तीर लाकर देने और माफी मांगने के बाद उन्हें जाने दिया गया.
अहम सवाल ये है कि आखिर हरवे- हथियार के साथ ग्रामीण भाजपाइयों का क्यों विरोध करने पहुंचे थे ? जैसा कि गीता कोड़ा ने बताया कि सभी हमलावर दूसरे गांव से प्रिप्लांड पहुंचे थे और जब मोहनपुर के ग्रामीणों के साथ वे संवाद कर उनकी समस्याएं सुन रहीं थीं तभी उन्होंने उनपर और पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हमला कर दिया. किसी को कुछ समझ में आता इससे पहले ही ग्रामीण आक्रोशित हो उठे और उनके साथ धक्का- मुक्की शुरू कर दी.
क्या बंगाल की पृष्ठभूमि तैयार हो रही झारखंड में ?
जिस तरह पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा के मामले सामने आ रहे है इस घटना के बाद कयास लगाए जाने लगे हैं कि आनेवाले दिनों में झारखंड के अन्य लोकसभा सीटों पर भी इस तरह की घटनाएं हो सकती है. मजे की बात ये है कि जिस वक्त गम्हरिया में भाजपाइयों पर हमले हुए उस वक्त मुख्यमंत्री आदित्यपुर में ही मौजूद थे. वे चार दिवसीय दौरे पर सरायकेला में है. जहां वे झामुमो के बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं और “इंडिया” गठबंधन के नेताओं के साथ बैठक कर चुनावी रणनीति तैयार कर रहे हैं. यह इलाका मुख्यमंत्री का गढ़ है. ऐसे में कई सवाल लोगों के जेहन में कौंध रहे है. कुछ राजनीतिक विश्लेषक इसे पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कारावास के प्रतिशोध के रूप में तो कुछ गीता कोड़ा के पाला बदलने से जोड़कर देख रहे हैं. वैसे घटना की जानकारी मिलते ही पूर्व मुख्यमंत्री और गीता कोड़ा के पति मधु कोड़ा लाव- लश्कर के साथ मौके पर पहुंचे और इसे झामुमो का साजिश करार देते हुए लोकतंत्र पर हमला बताया. उन्होंने कहा कि बीजेपी की निश्चित जीत देख झामुमो घबरा गई है, यही वजह है कि साजिश के तौर पर यह हमला कराया गया है, मगर हम इससे डरने वाले नहीं हैं हम डटकर मुकाबला करेंगे.
मौके पर ये रहे मौजूद
इस मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष उदय सिंहदेव, आदित्यपुर नगर निगम के पूर्व मेयर विनोद कुमार श्रीवास्तव, पूर्व डिप्टी मेयर अमित सिंह, गणेश महाली, कुलवंत सिंह बंटी, सावन गुप्ता, कृष्ण मुरारी झा, रश्मि साहू, अमित सिंहदेव, राकेश सिंह, मनोज तिवारी, स्वप्निल सिंह, निरंजन मिश्रा सहित गम्हरिया एवं आरआईटी मंडल के दर्जनों भाजपा कार्यकर्ता मौजूद थे.
आगे क्या
मामला दर्ज कराने के बाद कोड़ा दंपत्ति वापस लौट गए. इधर ग्रामीणों ने भी काउंटर केस दर्ज कराया है. पुलिस की ओर से इसकी पुष्टि नहीं कि गयी है. थाना प्रभारी से लेकर एसडीपीओ तक मामले पर कुछ भी बताने से बचते रहे. सोमवार को बीजेपी इस मामले को लेकर प्रेस कांफ्रेंस कर सकती है. वैसे पूर्व मुख्यमंत्री ने चुनाव आयोग से पूरे मामले की जांच की मांग की है.