गम्हरिया/ Bipin Varshney सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति पर निगरानी रखने के लिए बनाए गए ई-विद्या वाहिनी एप के अपग्रेडेशन का कार्य पिछले लगभग 1 महीने से जारी है. इसके कारण ई- विद्या वाहिनी ऐप को अपडेट करने के उपरांत शिक्षकों को बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज कराने में पिछले एक महीने से काफी दिक्कतें आ रही हैं और शिक्षक उक्त ऐप में बायोमेट्रिक उपस्थिति नहीं दर्ज करा पा रहे हैं.
विभाग की इस लापरवाही का खामियाजा अब शिक्षकों को ही भुगतना पड़ेगा और सारा ठीकरा उनके माथे पर फोड़ा जाएगा. ऐसा नहीं है कि शिक्षा विभाग को इस कठिनाई की जानकारी नहीं है. विभाग के आला अधिकारी भी बायोमेट्रिक अटेंडेंस बनाने में आ रही कठिनाई को भली-भांति जानते हैं और इसके शीघ्र दुरुस्त करने के लिए प्रयास किए जाने का दावा किया जा रहा है. इन सबके बावजूद पिछले 15 अप्रैल से बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज कराने में आ रही परेशानी जस की तस बनी हुई है. शिक्षकों ने इस बाबत मौखिक, लिखित और व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से संबंधित अधिकारियों को सूचना दी है. प्रतिदिन अटेंडेंस नहीं बना पाने वाले शिक्षक स्क्रीनशॉट अपने सीआरसी ग्रुप में भेज रहे हैं. लेकिन गम्हरिया प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी द्वारा शनिवार को आदेश जारी कर दिया गया कि बिना बायोमैट्रिक अटेंडेंस के शिक्षकों को वेतन नहीं प्रदान किया जाएगा. उनके इस आदेश के बाद शिक्षकों के माथे पर शिकन स्पष्ट दिखाई पड़ रहे हैं.
शिक्षकों का कहना है कि जब विभाग को ई-विद्या वाहिनी एप से अटेंडेंस बनाने में हो रही परेशानी पहले से पता है तो ऐसे में इस तरह का आदेश शिक्षकों का मनोबल तोड़ने वाला है. इस भीषण गर्मी में भी शिक्षक प्रतिदिन नियमित रूप से उपस्थित होकर अपना कार्य संपादित कर रहे हैं. लेकिन ई-विद्या वाहिनी ऐप के अपग्रेडेशन का खामियाजा अब इन्हें भुगतना होगा और इनके वेतन के लाले पड़ जाएंगे. दूसरी ओर शिक्षकों के विभिन्न संघों अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ, झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ, झारखंड प्रगतिशील शिक्षक संघ के नेताओं ने विभाग के आला अधिकारियों को पत्र देकर मांग की थी कि स्कूलों को आवंटित टैब अब पूरी तरह खराब हो चुके हैं और शिक्षक अपने निजी मोबाइल से अटेंडेंस बना रहे हैं. निजी मोबाइल से अटेंडेंस बनाने में शुरुआती दौर में शिक्षकों ने असमर्थता जताई थी लेकिन धीरे-धीरे सभी शिक्षक अपने निजी मोबाइल से अटेंडेंस बनाने लगे. शिक्षक संघ की मांग थी कि निजी मोबाइल से अटेंडेंस बनाने के लिए शिक्षकों को बाध्य नहीं किया जा सकता और ना ही उनका वेतन इसके वजह से स्थगित किया जा सकता है. शिक्षकों की यह मांगे फाइलों में धूल झांक रही हैं और नित नए विभागीय आदेश से शिक्षक हलकान हो रहे हैं. अब अगर ई-विद्या वाहिनी ऐप में आई तकनीकी समस्या के कारण जिन शिक्षकों ने बायोमैट्रिक अटेंडेंस नहीं बनाया है उन्हें वेतन प्राप्त करने में पसीने छूट जाएंगे. गम्हरिया बीईईओ ने उन्हें वेतन नहीं प्रदान करने की चेतावनी देकर एक बार फिर मामले को तूल पकड़ा दिया है और शिक्षक संघ इसका पुरजोर विरोध करने के लिए तैयार हैं.