गम्हरिया: उपायुक्त रविशंकर शुक्ला सोमवार को गम्हरिया अंचल कार्यालय पहुंचे और अंचल कार्यालय के गतिविधियों की जांच की. साथ ही पिछले दिनों मुख्यमंत्री के प्रस्तवित आदित्यपुर नगर निगम के भवन के लिए शिलान्यास होने वाले स्थल के रद्द होने के कारणों की जांच की. इसको लेकर उन्होंने पूर्व सीओ से पूछताछ करते हुए वर्तमान सीओ को पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट तलब किया. उपायुक्त करीब एक घंटे तक अंचल कार्यालय में रुके और पूरे मामले की जांच की. उनके निकलते ही डीसी एलआर और एडीसी ने पुराने सीओ, नए सीओ एवं बीडीओ के साथ मंत्रणा की. इस दौरान उक्त भूखंड से संबंधित दस्तावेजों की पड़ताल करते देखे गए. बता दें कि पूरे मामले को लेकर उपायुक्त कोर्ट में पक्ष रखने की तैयारी कर रहे हैं.
इसी जगह होना था शिलान्यास
क्या है मामला
दरअसल गम्हरिया अंचल के आसंगी मौजा के सतबहिनी जमालपुर के खाता संख्या 187 एवं प्लॉट संख्या 88, 93, 94 और 96 में बीते शनिवार को मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को आदित्यपुर नगर निगम के प्रस्तावित भवन का शिलान्यास करना था, मगर एन मौके पर जमीन के कथित दावेदार रितेश भालोटिया ने हाई कोर्ट से स्टे ले लिया जिससे मुख्यमंत्री का शिलान्यास कार्यक्रम रद्द करना पड़ा. विदित हो कि इससे पूर्व आंचल प्रशासन ने 17 मार्च 2023 को उक्त करीब तीन एकड़ भूखंड पर अवैध कब्जा दिखाते हुए जमीन को कब्जा मुक्त कराया था. उसके बाद रितेश भालोटिया ने हाई कोर्ट का रुख किया था, जबकि अंचल के किसी रिकॉर्ड में उक्त भूखंड रितेश भालोटिया के नाम से दर्ज नहीं है, फिर किस आधार पर हाई कोर्ट से रितेश भालोटिया को स्टे मिल गया यह जांच का विषय है. उधर कार्यक्रम रद्द होते ही झारखंड सरकार के कार्मिक प्रशासनिक एवं राजभाषा विभाग ने संज्ञान लेते हुए तत्कालीन सीओ गिरेंद्र टूटी का तबादला करते हुए नए सीओ कमल किशोर को गम्हरिया की कमान सौंपी है. इधर जिला प्रशासन को हाईकोर्ट के स्टे के खिलाफ जवाब देना है इसलिए उपायुक्त पूरे मामले की जांच कर रहे हैं. अब देखना यह दिलचस्प होगा कि रितेश भालोटिया के दस्तावेजों को जिला प्रशासन किस आधार पर चुनौती देती है. वैसे मुख्यमंत्री के अपने विधानसभा क्षेत्र में गलत रिपोर्ट की वजह से कार्यक्रम रद्द होने से मुख्यमंत्री की काफी किरकिरी भी हो रही है. विदित हो कि यह दूसरा मौका है जब आदित्यपुर नगर निगम के नए भवन के लिए चिन्हित स्थल का काम अधर में लटका है इससे पूर्व आदित्यपुर नगर निगम के वार्ड 30 स्थित जागृति मैदान के लिए जमीन चिन्हित किया गया था मगर वहां मामला राजनीति की भेंट चढ़ गया और भवन निर्माण कार्य रद्द हो गया.
ओमप्रकाश अध्यक्ष जनकल्याण मोर्चा
जियाडा, पीएचडी या वार्ड 17 में खाली पड़े जमीन पर बने नगर निगम का कार्यालय: ओमप्रकाश
इधर दो- दो बार नगर निगम के लिए प्रस्तवित जमीन पर अड़चन लगने से सामाजिक संस्था जनकल्याण मोर्चा ने जियाडा, पीएचडी कार्यालय या वार्ड 17 के सेंट्रल पब्लिक स्कूल के बगल में खाली पड़े पब्लिक यूटिलिटी के जमीन पर नगर निगम का प्रस्तावित कार्यालय बनाने की मांग की है. मोर्चा के अध्यक्ष सह जिला बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अधिवक्ता ओम प्रकाश ने बताया कि नगर निगम का कार्यालय नगर निगम क्षेत्र में ही बनना चाहिए. उन्होंने कहा कि जियाडा के पास पर्याप्त खाली जमीन है. जियाडा के भवन को इंडस्ट्रियल एरिया में हस्तांतरित किया जाए और वही नगर निगम का कार्यालय संचालित हो. साथ ही उन्होंने पीएचडी कार्यालय परिसर में नगर निगम के नए भवन बनाने की का सुझाव दिया है. उन्होंने कहा कि पीएचडी की भूमिका आदित्यपुर में कुछ नहीं रह गई है. यहां से जमशेदपुर का सारा काम संचालित होता है. ऐसे में इसके पास पर्याप्त भूखंड उपलब्ध है और यह नगर निगम क्षेत्र के अधीन आता है. इसके अलावा उन्होंने वार्ड 17 में सेंट्रल पब्लिक स्कूल के बगल में पब्लिक यूटिलिटी के जमीन पर भी नगर निगम का कार्यालय बनाने का सुझाव दिया है. उन्होंने बताया कि इसको लेकर जल्द ही नगर विकास विभाग के सचिव को पत्र लिखा जाएगा, ताकि नगर निगम का कार्यालय नगर निगम क्षेत्र में ही हो.