आदित्यपुर: सरायकेला- खरसावां जिला के आदित्यपुर थाना अंतर्गत गम्हरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से बीते 8 मई को फर्जीवाड़ा कर नवजात को ले भागी जमशेदपुर के एमजीएम थाना अंतर्गत भिलाई पहाड़ी निवासी सुदीप्ता दत्ता ने भेद खुलने के बाद शनिवार को पुलिस को चकमा देते हुए नवजात को उसके वास्तविक मां पूर्णिमा तांती को सौंप कर भाग निकली.
आदित्यपुर पुलिस पूर्णिमा तांती से पूछताछ कर रही है. वहीं सीडब्ल्यूसी की टीम भी आदित्यपुर थाना पहुंचकर पूर्णिया से पूछताछ कर रही है. हालांकि पुलिस के बार- बार बुलावे के बाद भी सुदीप्ता दत्ता थाने नहीं पहुंची है. इस पूरे प्रकरण में अनिल नामक शख्स की भी भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं. वह बार- बार पुलिस पर पूर्णिमा को छोड़ने का दबाव बना रहा है. बता दे कि जब इस पूरे मामले पर पुलिस प्रशासन सक्रिय हुई उसके बाद से ही सुदीप्ता पुलिस को चकमा देती रही. शनिवार को दिनभर पुलिस सुदीप्ता के मोबाइल लोकेशन के आधार पर उसे ट्रैक करने का प्रयास करती रही; मगर सुदीप्ता पुलिस के हाथ नहीं लगी. इस बीच अचानक पुलिस को सूचना मिली कि पूर्णिमा और उसका नवजात बच्चा कांड्रा पदमपुर टोल प्लाजा के पास देखा गया है. जहां आदित्यपुर पुलिस ने दविश दी. यहां पाया कि पूर्णिमा और उसका नजात अनिल की गाड़ी से उतर रहा है जिसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया, मगर अनिल अपनी गाड़ी लेकर वहां से भाग निकला. पुलिस पीसीआर वैन में बिठाकर पूर्णिमा और उसके बच्चे को आदित्यपुर थाना लेकर पहुंची. बताया जाता है कि पूर्णिमा का पति अनिल की गाड़ी चलाता है. अनिल इस मामले में क्यों दिलचस्पी ले रहा है और पुलिस पर क्यों दबाव बना रहा है यह जांच का विषय है.
वैसे अब सबकी निगाहें पुलिसिया कार्रवाई और सीडब्ल्यूसी की कार्रवाई पर टिकी है. इस पूरे घटनाक्रम में जेएसएलपीएस कर्मी सुनीता प्रमाणिक उर्फ सोमा की भूमिका सवालों के घेरे में है. अंदरखाने की माने तो पूर्णिमा ने पूछताछ के क्रम में बताया है कि वह सुदीप्ता को नहीं जानती थी. सोमा यानी सुनीता ने सुदीप्ता से मिलाया था.
आपको बता दें कि सुनीता ने ही जिला परिषद पिंकी मंडल को गुमराह कर सुदीप्ता से आवेदन दिलवाया और पूर्णिमा को बच्चा देने के लिए राजी होने की बात कही. जिला परिषद पिंकी मंडल सुनीता की मक्कारी को समझ न सकी. इधर सुनीता ने सहिया जयंती सेन को मिलाकर फर्जी तरीके से पूर्णिमा का नाम बदलकर स्वास्थ्य केंद्र में सुदीप्ता दत्ता लिखवा दिया. जहां प्रसव के बाद सुदीप्ता बच्चे को रातोंरात लेकर भाग गई. इस पूरे प्रकरण में पिंकी मंडल की गलती बस यही है कि उन्होंने सुनीता की मक्कारी को समझने में बड़ी भूल कर दी. सुदीप्ता के गिरफ्त में आने के बाद सारे भेद से पर्दा उठ जाएगा. वैसे इस भेद को उजागर करने के दौरान सुनीता ने मैनेज करने का प्रस्ताव दिया जिसके बाद हमारी टीम ने सुदीप्ता से संपर्क किया. सुदीप्ता को सामने लाने के लिए हमारी टीम को बिकाऊ बनना पड़ा, मगर सुदीप्ता बेहद ही शातिर निकली और अंत तक सामने नहीं आयी. मगर जब हमारी टीम आश्वस्त हो गई कि इस पूरे खेल में कुछ खिचड़ी पक रही है तब हमने अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी उसके बाद ही इस पूरे गिरोह का भेद खुला.