गया: फ्रांस की महिला डा. जेनी पेरे बोधगया में रहकर ही गरीबों के बच्चों व महिलाओं को निःशुल्क शिक्षा देकर उन्हें सशक्त करने को लेकर अपने 21 वर्ष इनके लिए लगा दी है.
इसकी जानकारी फ्रांस के राजदूत ईमानुएल लेनैन को हुई तो उन्होने डा. जेनी पेरे से मिलने की सोची. फ्रांस के राजदूत ईमानुएल लेनैन अपनी पत्नी जेरालदीन लेनैन के साथ बोधगया पहुंचे. इनलोगों का स्वागत “मम्मी जी निःशुल्क आवासीय विद्यालय” के बच्चों द्वारा भारतीय परंपरा के अनुसार माथे में कुमकुम का टीका लगाकर व घी के दीप से आरती कर किया गया.
video
राजदूत व उनकी पत्नी के स्वागत में बच्चो नें रंगारग कार्यक्रम की प्रस्तुती दी. इस दौरान बच्चों ने भारत एवं फ्रांस देश का राष्ट्रगान भी प्रस्तुत किया. बच्चों द्वारा प्रस्तुत किए गए कार्यक्रम को देख विदेशी मेहमान प्रभावित हुए. बच्चों द्वारा विद्यालय में बनाए गए पेंटिंग व क्राफ्ट को देख काफी खुश हुए. अतिथियों को समाजसेवी मुन्ना पासवान द्वारा विद्यालय का भ्रमण करवाया गया एवं विभिन्न गांवों में किए जा रहे कार्य को तस्वीर के माध्यम से दिखाया.
इस संबंध में राजदूत ने बताया कि पिछली बार 5 अप्रैल 2022 को फ्रांस के कोन्सुल जेनरल दिदियर तालपै बोधगया आए थे. महाबोधि मंदिर के भ्रमण के बाद उन्हें पता चला की फ्रांस की महिला कैसे यहा के गरीब बच्चों के लिए मां बनकर सेवा दे रही है. फ्रांस की महिला डा. जेनी पेरे के परोपकार की भावना से प्रभावित होकर बच्चें उन्हें मम्मी जी कहकर बुलाने लगे. मम्मी जी द्वारा बच्चों को पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ योगा, कराटे, एक्यूप्रेशर, डांस, स्पोकेन ईंग्लिश, फ्रांस की भाषा का निःशुल्क प्रशिक्षण देने के साथ गरीब व असहाय लड़कियों व औरतो को खुद के पैड़ो में खड़े होने का हुनर सिखा रही है. लड़कियों को ब्यूटीशियन का कोर्स, महिलाओं व लड़कियों के लिए सिलाई, कढ़ाई, कम्प्यूटर का प्रशिक्षण सहित कई तरह का कोर्स का प्रशिक्षण दक्ष शिक्षक के द्वारा दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अपने जीवन के 21 वर्ष को बच्चों के उज्जवल भविष्य बनाने के लिए लगा देना कोई छोटी बात नहीं है. ठीक से हिन्दी नहीं बोल पाने के बावजूद बच्चों के भावनाओं को समझना एक मां ही कर सकती है. जो फ्रांस की महिला डा. जेनी पेरी ने कर दिखाया. फ्रांस के लोगों के लिए मम्मी जी एक आदर्श है. हर महिला में मां जैसी भावना छिपा होता है. लेकिन सैकड़ो बच्चों, महिलाओं व उनके अभिभावकों के लिए मां होना एक सम्मान की बात है. उन्होंने बताया कि इन बच्चों के लिए जो भी सहायता होगा हमारे तरफ से करने का प्रयास किया जाएगा. उन्होंने कहा कि भारत और फ्रांस के रिश्ते काफी अच्छे हैं और फ्रांस की महिला के द्वारा भारत के बोधगया में बच्चों की निशुल्क सेवा करना यह मिसाल प्रस्तुत करता है.
Byte
Mr. Emmanuel Lenain, His Excellency, The Ambassador of France.
वही फ्रांसीसी महिला डॉ. जेनी पेरे उर्फ मम्मी जी ने कहा कि आज फ्रांस के एंबेसडर यहां आए हैं. भारतीय परंपरा के अनुसार हमलोगों ने उनका स्वागत किया है. इससे हमें बहुत खुशी हो रही है. उनकी पत्नी भी साथ में आई है. यहां के कार्यों के बारे में जानकारी होने के बाद ये लोग यहां विद्यालय पहुंचे हैं और विद्यालय की शिक्षा प्रणाली को देखकर काफी खुश हुए हैं. उन लोगों का स्वागत करके हमें काफी खुशी हो रही है.
Byte
डॉ. जेनी पेरे मम्मीजी
वहीं समाजसेवी मुन्ना पासवान ने कहा कि फ्रांस के एम्बेसडर अपनी पत्नी के साथ यहां पहुंचे हैं. यह हमारे लिए खुशी का पल है. पूर्व में फ्रांस के कॉउंसेल्ट के द्वारा मम्मी जी निशुल्क विद्यालय के कार्यों की जानकारी उन्हें दी गई थी. जिसके बाद वह अपनी पत्नी के साथ यहां पहुंचे हैं और उन्होंने निशुल्क विद्यालय के बारे में जानकारी ली है. विद्यालय में स्थानीय गरीब और लाचार बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जाती है. इसे देख वे काफी प्रभावित हुए हैं. उन्होंने विद्यालय के कार्यों की तारीफ भी की है.
Byte
मुन्ना पासवान (समाजसेवी)
गया से प्रदीप कुमार सिंह की रिपर्ट