खरसावां के श्रद्वालुओं के आस्था व विश्वास के प्रतिक खरसावां कें प्रसिंद्व तेलीसाई पदमपुर का सात दिवसीय मां काली 124 वर्षो में दुसरी बार कोरोना महामारी के कारण नही लगेगी. यह निर्णय बुधवार को खरसावां थाना परिसर में हुई शांति समिति की बैठक में लिया गया. प्रखंड बिकास पदाधिकारी गौतम कुमार एवं थाना प्रभारी प्रकाश कुमार रंजक के संयुक्त अध्यक्षता में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए श्री कुमार ने कहा कि खरसावां कें पदमपुर तेलीसाई काली पूजा समिति के अध्यक्ष पद या मेला संचालन का का विवाद ग्रामीणा आपसी सहमती से सुलझाए, अन्यथा मजबूर प्रशासन को हस्तेक्षप करना पडेगा. अध्यक्ष पद या मेला संचालन पर किसी तरह का विवाद नही होना चाहिए. काली पूजा समिति के लोग तय करे अध्यक्ष कौन होगा. उन्होने कहा कि झारखंड सरकार द्वारा दुर्गा पूजा में मिले गाइडलाइन के आधार पर काली पूजा की परंपराओं का निवार्हन करे. आगामी 4 नवबंर से 10 नवबंर तक पदमपुर में होने वाला काली मेला नही लगेगा. कोई दुकान नही लगेगा. पूजा-अर्चना पहले की तरह होगी. लेकिन सामाजिक दूरी का पालन करना होगा. कोरोना के गाइडलाइंस का उल्लघंन होने पर समिति पर कार्रवाई की जाएगी. बता दे कि खरसावां के पदमपुर मे मां काली की पुजा अर्चना 1897 से होती आ रही है. यहां काली के दर्शन के लिए झारखण्ड, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिसा, आदि राज्यो के कोने कोने से श्रद्वालु पहुचंते है. मां काली के प्रति आस्था दूर- दूर तक फैली है. सात दिनो तक होने वाले पुजा- अर्चना के दौरान भक्त अपनी मनोकामना पुर्ण होने पर मां काली के दरबार मे बकरे की बलि चढाते है. इस बैठक मे बीडीओ गौतम कुमार, थाना प्रभारी प्रकाश कुमार रजक, जिप कुवर सिंह बानरा, प्रखंड चिकित्सा प्रभारी डा. सुदरलाल मांड़ी, सुब्रतो सिंहदेव, अनिरूद सिंह, सुशील षांडगी, अन्नत बेहरा, अक्षय कुमार मंडल, गोवर्धन राउत, लाल सिंह सोय, होपना सोरेन, आलोक दास, आदि मौजुद थे.
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