DESK राज्य खाद्य सुरक्षा विभाग का संचालन फिर से स्वास्थ्य विभाग के जिम्मे आ गया है. बता दें कि साल 2018 में खाद्य सुरक्षा विभाग को प्रशासन के जिम्मे सौंप दिया गया था, जिसके प्रभारी एसडीओ लेवल के अधिकारी को बनाया गया था, मगर अपेक्षित परिणाम सामने नहीं आने पर इस विभाग को पुनः स्वास्थ्य विभाग के जिम्मे दे दिया गया है. बीते 10 मई को स्वास्थ्य विभाग की ओर से इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है.
क्या थी समस्या
दरअसल खाद्य सुरक्षा के मामले में अधिकारियों को जीव विज्ञान की जानकारी अनिवार्य होनी चाहिए. राज्य के कई प्रशासनिक पदाधिकारी तकनीकी या अन्य विषयों में दक्ष होते हैं जिस वजह से खाद्य सुरक्षा से संबंधित जानकारी के अभाव में उनके द्वारा सही जांच या निर्णय कर पाना संभव नहीं हो रहा था. इसी को ध्यान में रखते हुए विभागीय स्तर पर इसकी समीक्षा के बाद खाद्य सुरक्षा विभाग की जिम्मेदारी पुनः स्वास्थ्य विभाग को सौंपने का निर्णय लिया गया. इसके प्रभारी एसीएमओ होंगे जिला खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी एसीएमओ को रिपोर्ट करेंगे.
जिम्मेदारी मिलते ही एक्शन में सरायकेला खाद्य सुरक्षा विभाग
इधर खाद्य सुरक्षा विभाग के पुनः स्वास्थ्य विभाग के जिम्मे आते ही जिला खाद्य सुरक्षा विभाग सक्रिय हो गया है. जिला खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी अदिति सिंह के नेतृत्व में 1 दिन में 45 डेयरी प्रतिष्ठानों पर दबिश दी गई. जहां से विभाग द्वारा सैंपल कलेक्ट किया गया और उसे जांच के लिए भेज दिया गया है. बताया जा रहा है, कि 15 दिनों के भीतर इसकी रिपोर्ट आएगी, जिसके बाद मिलावटी उत्पाद बेचने वालों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. इस संबंध में प्रभारी खाद्य निरीक्षक घनपत महतो ने बताया कि जिले के तमाम वैसे प्रतिष्ठान जहां खाद्य सामग्रियों का निर्माण या पैकेजिंग होता है, वे विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करते हुए अपने उत्पादों को बेचें. कहीं से भी शिकायत मिलने पर नियम सम्मत कार्रवाई की जाएगी. जिन्होंने भी फूड सेफ्टी का लाइसेंस नहीं लिया है, वे विभाग से संपर्क कर आवेदन दे सकते हैं. फूड सेफ्टी नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.