अखिल भारतीय संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर दुमका में अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) के तत्वाधान में ग्राम गादी कोरैयया एवं ग्राम नकटी में और कई पंचायतों में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानून को रद्द करने और एमएएसपी कानून बनाने एवं अन्य मांगों को लेकर काला दिवस मनाया गया. जहां लोगो द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए केंद्र सरकार का विरोध किया. इन्होंने केंद्र सरकार से मांग किया, कि कोरोना महामारी की वजह से आम आदमी त्राहिमाम कर रहा है. केंद्र सरकार इनकम टैक्स के दायरे से बाहर व्यक्ति को प्रति व्यक्ति साढ़े सात हजार रुपया 6 माह तक दे. साथ ही प्रति व्यक्ति 10 किलो अनाज 6 माह तक देने की गारंटी देने. मनरेगा के तहत न्यूनतम मजदूरी दोगुना किए जाने, सभी निजी अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों का मुफ्त इलाज कराने के साथ हर व्यक्ति को केंद्र सरकार मुफ्त टीकाकरण करने की गारंटी दे जिससे कोरोना महामारी पर कंट्रोल किया जा सके. अभी इस महामारी के अलावे और कई महामारी हमारे देश में लगातार फैल रहा है. जिस पर केंद्र सरकार ने किसी भी तरह की तैयारी नहीं की और चुनाव में ही व्यस्त रही. पीएम केयर्स फंड में कितने पैसे आए, कोविड-19 के लिए कितना खर्च किया गया. इसका कोई लेखा-जोखा सरकार के पास नहीं है. विगत 6 माह से आंदोलनरत लाखों किसान दिल्ली के आसपास बॉर्डर पर आज भी डटे हुए हैं. मोदी सरकार किसानों की मांगों के प्रति हठधर्मिता अपनाए हुए हैं और आंदोलन को कुचलने के लिए तानाशाही रवैया अपना रही हैं. आज उसी कड़ी में देश के लाखों किसान गली- मोहल्ले गांव में अपने घरों पर कोविड गाइडलाइन को मानते हुए काला दिवस मनाया रहे हैं. आज केंद्र में एनडीए सरकार के 7 साल पूरे हो गए इन 7 सालों में देश को मोदी सरकार ने 70 साल पीछे धकेल दिया. तमाम चीजों की कीमतें मोदी सरकार में आसमान छू रहे है. कारपोरेट मालामाल हो रहे है. गरीब और गरीब होते जा रहे हैं. इसलिए मोदी सरकार किसान विरोधी ही नहीं जनविरोधी है. मजदूर विरोधी हैं. सरकार के खिलाफ आने वाले दिनों में यह लड़ाई चलती रहेगी. अब तक तो लगभग 600 किसानों ने अपनी शहादत दे दी है. आने वाले दिनों में देश की जनता. सरकार को सबक सिखाएगी. मौके पर कॉमरेड देवी सिंह पहाड़िया, कॉमरेड बेंजामिन मूर, बटेस सिंह, मंगल मुर्मू, अटल सिंह सहित दर्जनों लोग उपस्थित रहे.


दुमका से मोहित की रिपोर्ट
