सरायकेला: सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और भारत सरकार के जनजातीय मामलों के पूर्व कैबिनेट मंत्री अर्जुन मुंडा ने एकलव्य विद्यालय को भगवान बिरसा मुंडा के सपनों का झारखंड बनाने की दिशा में सार्थक कदम बताया. मंगलवार को उन्होंने एक बयान जारी करते हुए कहा कि वर्ष 2019- 2024 तक उनके कार्यकाल में जनजातीय बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करने हेतु देशभर में लगभग 7000 करोड़ की लागत से 700+ एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों की नींव रखी गई. इसमें झारखंड में 80+ विद्यालय स्वीकृत हुए हैं, जिनमें से 44 शीघ्र ही प्रारंभ होंगे. यह झारखंड के लिए गौरव का विषय है.
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जारी बयान में अर्जुन मुंडा ने कहा कि उनके कार्यकाल में 40,000 में से 10,000 शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी. निकट भविष्य में अतिरिक्त 30,000 शिक्षकों की नियुक्ति से पढ़ाई- लिखाई सुचारू रूप से संचालित होगी. अर्जुन मुंडा ने कहा कि ये विद्यालय सीबीएसई पैटर्न पर संचालित होंगे और स्मार्ट क्लासरूम, आधुनिक लैब, खेल-कूद एवं आवासीय सुविधाओं से सुसज्जित हैं. इससे छात्रों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित हो सकेगा. पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की जा रही सुविधाओं से जनजातीय बच्चों को आधुनिक, गुणात्मक शिक्षा मिलेगी, जिससे वे सशक्त एवं शिक्षित बनेंगे. यह पहल न केवल विद्यालय निर्माण का प्रयास है, बल्कि एक सशक्त भारत के निर्माण की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है. यह भगवान बिरसा मुंडा के सपनों को साकार करते हुए जनजातीय बच्चों को उज्जवल भविष्य प्रदान करेगा.
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