राजनगर: पूर्व सांसद सह झामुमो (उलगुलान) के सुप्रीमो कृष्णा मार्डी ने भाषा विवाद को लेकर यूपीए की हेमन्त सरकार पर जमकर बरसे. राजनगर में गुरुवार को पत्रकार वार्ता में पूर्व सांसद कृष्णा मार्डी ने कहा, कि जब भोजपुरी, मगही, अंगिका, उर्दू झारखंड की क्षेत्रीय भाषा है ही नहीं. इन्हें जबरन लागू कर झारंखड को हेमंत सोरेन सरकार अशांति की ओर ले जा रहे हैं. इन्हें क्षेत्रीय भाषा का दर्जा देकर झारखंडी हितों को गहरी चोट पहुंची है. सरकार के इस निर्णय से झारखंड में भाषा विवाद उतपन्न हो गया है. झारखंडियों को आपस मे लड़ाने की साजिश हो रही है. जिससे राज्य में अशांति फैलेगी. कृष्ण मार्डी ने कहा कि स्थानीय नीति एवं नियोजन नीति आज तक नही बनी. झारखंड आंदोलनकारियों को आज तक कोई मान सम्मान नही मिल रहा है. जिसको देखते हुए झारखंड में पुनः झारखंड मुक्ति मोर्चा (उलगुलान) क्रांति करने जा रही है. जिसको लेकर आगामी 3 मार्च को झारखंड मुक्ति मोर्चा उलगुलान की ओर से विशाल सभा रखी गई है. वहीं मार्डी ने झारखंड सरकार से भाषा को लेकर लिया गया निर्णय को अविलंब वापस लेने और झारखंड में 1932 खतियान और नियोजन नीति लागू करने की मांग की है. प्रेस वार्ता में उनके साथ कविराज रुबिन हांसदा, लाभो महतो, गंगा दास आदि मौजूद थे.
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