दुमका: एक तरफ झारखंड सरकार “आपके अधिकार- आपकी सरकार- आपके द्वार” कार्यक्रम के माध्यम से पंचायत- पंचायत शिविर लगाकर लोगों को सरकारी योजनाओं से आच्छादित करने का दावा कर रही है. वहीं दूसरी तरफ झारखंड की उप राजधानी दुमका, जो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का गृह जिला भी है, वहां के प्रखंड के रानीबहाल पंचायत अन्तर्गत कठलडीहा और मुड़जोड़ा गांव के कई टोलों के लोगों को घोर पानी की किल्लत से जूझना पड़ रहा है.
कठलडीहा गांव में बाजपाड़ा टोला, ऊपर टोला और नीमपाड़ा टोला नाम के कुल तीन टोला है. जिसमे बाजपाड़ा टोला और ऊपर टोला में पेय जल की समस्या है. बाजपाड़ा टोला में करीब 15 घर है और एक मात्र चापाकल है, जो एक वर्ष से ख़राब है. इस टोला के सुमित्रा रॉय, सधुवती राय, अमावती रॉय, गाँधी रॉय, संचरिया रॉय, सुगिया रॉय, सकुन्तला रॉय और सिदो देहरी का कहना है, कि पीने के पानी का बहुत दिक्कत है. एक मात्र चापाकल एक वर्ष से ख़राब है, लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.जन प्रतिनिधियों को भी शिकायत करते करते- करते थक गये, लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला. हम सभी ग्रामीण दूसरे टोला और गांव से पीने का पानी लाने के लिए विवश है. कठलडीहा गांव के ही ऊपर टोला में भी पीने के पानी की घोर समस्या है. इस टोला में करीब दो सौ की आबादी है. इस गांव में चार चापाकल है, जिसमे से तीन ख़राब है और टोला से दूर एक सोलर टंकी है, जिसका चापाकल ख़राब है, लेकिन सोलर टंकी ठीक है, केवल इसका नल टूटा हुआ है.
इस टोला के मिलन रॉय के घर के सामने का चापाकल करीब एक वर्ष से ख़राब है. मैनेजर रॉय के घर के सामने का चापाकल करीब छ: महीने से ख़राब है और रवि रॉय के घर के सामने का चापाकल एक महीने से ख़राब है. आंगनबाड़ी का चापाकल भी कई महीनों से ख़राब है. इस टोला के मिलन रॉय, दुर्गा देवी, चाँदमुनि देवी, सूर्या देवी, सुलोचना देवी आदि का कहना है, कि सभी चापाकल ख़राब होने के कारण हम ग्रामीणों को पीने के पानी की घोर किल्लत हो रही है. ठंड में धूप नहीं रहने के कारण सोलर टंकी भी ठीक से काम नहीं कर रही है. विवश होकर हम ग्रामीणों को कुएं के पानी का सेवन करना पड़ता है. कुएं में विभाग द्वारा दवा नहीं दिए जाने के कारण बीमारी का डर बना रहता है. ग्रामीणों का कहना है, कि जन प्रतिनिधियों से शिकायत करने के बाद भी चापाकल मरम्मत नहीं हो रहा है.
वहीं मुड़जोड़ा गांव में कुल सात टोला है. इस गांव के हाटपाड़ा, पहाड़गोड़ा, बोड़दोहा आदि टोला में कई चापाकल कई महीनों से ख़राब है. हाटपाड़ा में करीब 26 घर है और एक चापाकल है. जो एक महीने से ख़राब है. इस टोला के दिलीप सोरेन, राजेश हेम्ब्रोम, संजली सोरेन, पानसोल मरांडी आदि का कहना है, कि पीने के पानी के लिय बहुत दिक्कत हो रही है. इसलिए चापाकलों को जल्द मरम्मत करायी जाए. साथ ही एक नया चापाकल देने की मांग की है. वहीं पहाड़गोड़ा टोला में करीब 22 घर है. सुकुमार रॉय के घर के सामने का चापाकल करीब एक वर्ष से ख़राब है और मणिलाल रॉय के घर के सामने का चापाकल सिर्फ चार- पांच बाल्टी पानी देता और बंद हो जाता है. दो-तीन घंटे के अंतराल में फिर पानी देता है. अंजना देवी, मोनिलाल रॉय, सुकुमार राय, साधु रॉय आदि ग्रामीणों का कहना है, कि जब मिस्त्री द्वारा चापाकल का मरम्मत किया गया था तो सड़ा पाईप को निकाल दिया गया, लेकिन उसके बदले दूसरा पाईप नहीं लगाया गया. जिस कारण इस चापाकल में यह समस्या आ रही है. मुड़जोड़ा गांव के अन्य टोलों की भी कमोबेश यही स्थिति है. कठलडीहा और मुड़जोड़ा गांव के ग्रामीणों ने प्रशासन और सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द चापाकल मरम्मत करवाया जाय और सभी टोले में सोलर टंकी दिया जाय.