दुमका: बीते 29 अगस्त को जिले के गोपीकांदर प्रखंड स्थित अनुसूचित जनजाति आवासीय उच्च विद्यालय के छात्रों द्वारा शिक्षक सुमन कुमार एवं लिपिक सोने राम चौड़े को छात्रों द्वारा पेड़ से बांधकर मारपीट मामले में शिक्षक सुमन कुमार ने खुद की पिटाई को साजिश करार दिया है.
उन्होंने बताया कि झारखंड अधिविध परिषद रांची के 27 अगस्त 2022 के आदेश में स्पष्ट रूप से विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को निर्देशित किया गया है, कि आठवीं बोर्ड के जो परिणाम प्रकाशित किए गए हैं, उसमें ज्यादातर बच्चे फेल हुए हैं. इसके लिए विद्यालयों के प्रभारी जिम्मेदार हैं. क्योंकि उन्होंने ससमय इंटरनल मार्क्स परिषद को उपलब्ध नहीं कराए, जिससे छात्रों का परीक्षा फल प्रभावित हुआ है. भविष्य में यदि किसी तरह की कोई घटना घटती है तो इसके लिए विद्यालय के प्रधानाचार्य दोषी होंगे.
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उन्होंने बताया कि उक्त पत्र के आलोक में यह साफ हो जाता है, कि इसकी पूरी जिम्मेदारी विद्यालय के प्राचार्य रामदेव प्रसाद केसरी की है. ऐसे में छात्रों द्वारा उनके साथ बदसलूकी करना कहीं ना कहीं एक साजिश का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि छात्र पूरी प्लानिंग के साथ नई रस्सी खरीद कर लाए थे और पेड़ से बांधकर लिपिक एवं उनकी पिटाई की थी. उन्होंने पूरे मामले की जांच कर इंसाफ की गुहार लगाई है. हालांकि घटना के बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी अनंत कुमार झा, थाना प्रभारी नित्यानंद सिंह प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी सुरेंद्र हेंब्रम द्वारा मामले की जांच भी की गई है.
बाईट
नीरज कुमार (पीड़ित शिक्षक)