दुमका (Mohit Kumar) ज़िले के सिंचाई प्रमंडल में एक वर्ष पूर्व ही एक पेड़ चाहर दिवारी के अंदर गिर गया था. बताया जाता है कि उस पेड़ को कई टुकड़े कर बेच दिया गया है. बाकी बचे पेड़ को जलाया जा रहा है.
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इस वीडियो में आप साफ तौर पर में देख सकते हैं. जो साफ जाहिर करता है कि सीधे- सीधे सरकारी संपत्ति का नुकसान तो किया ही गया, साथ ही सरकार को राजस्व का भी नुकसान पहुचाया गया.
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सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि इसमें जवाबदेही किसकी होनी चाहिए. इसमें वन विभाग की उदासीनता है, या फिर अंचलाधिकारी की लापरवाही. वैसे सरकारी संपत्ति की देखभाल की जवाबदेही अंचल क्षेत्र में सीओ की होती है, और वन विभाग के क्षेत्र में डीएफओ का. पर इस पूरे मामले में जब हमारे प्रतिनिधि ने संबंधीत अधिकारी से जानना चाहा तो उन्होंने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया.
इस मामले पर स्थानीय जनप्रतिनिधि एहतेशाम अहमद ने कहा कि इसमें सरासर सरकारी अधिकारियों की लापरवाही है. इसकी जांच होनी चाहिए, ताकि जनता को पेड़ के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके.
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एहतेशाम अहमद (स्थानीय जनप्रतिनिधि)
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