दुमका: जिले के शिकारीपाड़ा थाना के रांगा और खाडूकदमा गांव के 8 मजदूर जो प्रताड़ना का शिकार होकर तेलंगाना से रविवार लौटे हैं, उन्होंने अपनी बकाया मजदूरी और मेट मुजफ्फर अंसारी और उसकी पत्नी सफीना बीवी की गिरफ्तारी को मांग को लेकर सोमवार को शिकारीपाड़ा थाना के मुख्य गेट पर धरना दिया.
इन मजदूरों का साथ देने वाले समाजसेवी हाबील मुर्मू ने कहा कि इन लोगों के साथ अन्याय हुआ है. इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई होनी चाहिए. दरअसल ये सभी आठ मजदूरों को पाकुड़ जिले के महेशपुर थाना क्षेत्र के कैराछातर गांव के रहने वाले मेट मुजफ्फर अंसारी और उसकी पत्नी सफीना बीवी तेलंगाना जिले के जहीराबाद में काम कराने ले गए थे. यहां इन मजदूरों को एलेना फूड प्रोसेसिंग प्लांट में 14 हज़ार रुपये प्रति माह मजदूरी पर काम पर लगाया गया था. जब एक माह काम करने के बाद यह अपनी मजदूरी मांगने गए तो कंपनी के ठेकेदार ने बताया कि मुजफ्फर अंसारी और सफीना बीबी उन दोनों के नाम पर 80 हज़ार रुपये लेकर चले गए हैं. जब मजदूरों ने वहां से भागने का प्रयास किया तो उनकी पिटाई हुई और दोबारा काम पर लगा दिया. वे सभी मजबूरन वहां फिर से काम करने लगे. बाद में किसी तरह घर वालों को फोन किया तो हैदराबाद की प्रवासी सहायता केंद्र की मदद से किसी तरह दुमका लौटे.
मजदूर सनाउल अंसारी का कहना है कि हमारे साथ छल हुआ है. हमने जो काम किया वह मजदूरी हमें नहीं मिली. हमारे परिजनों ने शिकारीपाड़ा थाना में 14 सितंबर को ही इस बाबत शिकायत दर्ज कराया था, लेकिन उनके द्वारा कोई रुचि नहीं ली गई. अगर समय पर थाना द्वारा इस केस में रुचि ली गई होती तो हमें इस कदर परेशान नहीं होना पड़ता. मजदूरों की मांग है कि हमें हमारा बकाया मिले और मेट मुजफ्फर अंसारी और उसकी पत्नी सफीना बीवी की गिरफ्तारी हो.
वहीं मजदूरों के साथ हुए प्रताड़ना के मामले में शिकारीपाड़ा थाना प्रभारी संजय सुमन का कहना है कि इस मामले में हमारे द्वारा जांच की गई है. तबीयत खराब हो जाने की वजह से जो मेट मुजफ्फर अंसारी है उस पर कार्रवाई नहीं की जा सकी है. हम धरना दे रहे मजदूरों से 07 दिन का समय लेते हैं कि उनकी जो मांगे हैं वह पूरी की जाएगी.