दुमका: जरमुण्डी थाना की पुलिस ने कटेली गांव से बरामद एक 14 वर्षीय बालिका को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के समक्ष प्रस्तुत किया है, जिसके साथ अमानवीय हरकत की गयी है. यह लड़की टी शर्ट पहने और एक गमछा लपेटे हुए हालत में 09/10 अक्टूबर के रात लगभग एक बजे जरमुण्डी पुलिस द्वारा सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत की गयी.
बालिका न तो अपना नाम बता पा रही है, और न ही उसके साथ क्या हादसा हुआ है, इसके बारे में कुछ बता रही है. वह एकदम से गुमशुम सी रहती है. समिति ने तत्काल उसे धधकिया स्थित बालिका गृह में आवासित कर दिया है. बालिका गृह की प्रभारी ने समिति को रिपोर्ट दिया कि बालिका के पीठ और कमर में दो- तीन दिन पुराना जख्म है और कंधा में फैक्चर होने की संभावना है.
समिति के आदेश पर सोमवार को बालिका को फूलो- झानो मेडिकल कालेज अस्पताल भेजकर उसका एक्स-रे और इलाज करवाया गया और दोबारा उसे समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया. चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार, सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, डॉ. राज कुमार उपाध्याय, कुमारी विजय लक्ष्मी और नूतन बाला ने बालिका के मामले की सुनवायी की और सर्वसम्मति से उसे सीएनसीपी (देखभाल और संरक्षण की जरूरत वाली बालिका) घोषित किया गया. काफी काउनसेलिंग के बावजूद बालिका ने अपने मुंह नहीं खोला. समिति ने बालिका के सर्वोत्तम हित में उसका पहचान उजागर करने का निर्णय लेते हुए उसकी फोटो जारी करने का निर्णय लिया है.
समिति ने बालिका गृह के प्रभारी को उसका लगातार काउनसेलिंग करने और मंगलवार को उसे दोबारा जांच रिपोर्ट के साथ विशेषज्ञ चिकित्सकों को दिखाने का निर्देश दिया. इसके अलावा बालिका को मानसिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सक डॉ. जुल्फिकार अली भुट्टो से भी दिखाने का निर्देश दिया गया है, ताकि बालिका के मानसिक स्थिति और उसके ट्रोमा के कारणों का पता चल सके. समिति को ऐसी आशंका है कि बालिका के मानसिक रूप से असामान्य होने का गलत फायदा उठाते हुए असामाजिक तत्वों द्वारा उसका सेक्सुअल अब्यूज किया गया है या फिर सेक्सुअल एब्यूज के कारण बालिका मानिसक रूप से अस्वस्थ हो गयी है. मनोचिकित्सक की रिपोर्ट और काउनसेलिंग रिपोर्ट के आधार पर समिति इस मामले में अपनी इन्क्वायरी को आगे बढ़ायेगी और जांच में आये तथ्यों के आधार पर इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए जेजेबी एवं सीजेएम को अनुसंशा करेगी.