दुमका: झारखंड के मंत्रियों के लिए राज्य सरकार की ओर से फॉर्च्यूनर कार खरीदने की कवायद शुरू कर दी गई है. हालांकि इसको लेकर राजनीतिक बहस भी जोर- शोर से शुरु हो चुका है. इन सबके बीच हम आज आपको जो खबर दिखाने जा रहे हैं, उसे जान आप हैरान हो जाएंगे. क्या आज भी कोई ढिबरी युग में जी रहा है ! तो हमारा जवाब होगा हां, बिल्कुल ! ऐसा है.. बदलते झारखंड, उन्नत झारखंड, खुशहाल झारखंड में आज भी ऐसा इलाका है, जहां लोग ढिबरी युग में जीने को विवश हैं. आपको हैरानी उस वक्त होगी, जब हम आपको ये बताएंगे कि वह इलाका राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के गृह जिला का होगा. ये जो तस्वीर आप देख रहे हैं. यह तस्वीर है दुमका जिले के शिकारीपाड़ा अंतर्गत आसनबनी गांव का. इस गांव के लोग पिछले 1 साल से अंधेरे में जीने को विवश हैं. सुध लेने वाला कोई नहीं. आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण इन्हें नहीं पता इनके लिए सरकार की ओर से क्या-क्या योजनाएं चलाई जा रही है. पूछने पर ग्रामीणों ने बताया, इनके द्वारा मुखिया को शिकायत की गई है. अब मुखिया बेचारा क्या करें, जब राज्य का मुखिया ही क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहा है, और उसे ही जब यहां की जनता की सुध नहीं, तो स्थानीय मुखिया की औकात क्या. चलिए इस संबंध में ग्रामीणों ने क्या कहा यह भी आप सुन लीजिए….
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