दुमका: ज़िले के शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र की दो बच्चियों के मानव तस्करों के जाल में फंसने का मामला प्रकाश में आने के बाद पोखरिया की मीरू टुडू नाटकीय ढंग से अपने घर वापस लौट गई है. मीरू टुडू ने अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि 2019 में उसे काम दिलाने का झांसा देकर दिल्ली ले जाया गया था. जहां वह पिछले 3 वर्षों से रसोईया का काम कर रही थी, परंतु इन 3 वर्षों में उसे कोई मजदूरी नहीं दी गई. मात्र पांच हजार रुपए दिए गए. साथ ही परिजनों से बात करने भी नहीं दिया जा रहा था. बताते चलें कि पश्चिम बंगाल के नलहटी थाना क्षेत्र की रहने वाली आरती हांसदा ने काम दिलाने का झांसा देकर एवं एवं प्रलोभन दिखाकर शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के पोखरिया गांव से मीरू टूडू और मकड़ा पहाड़ी गांव से भी एक बालिका को दिल्ली ले गई थी और ले जाने के कुछ माह के बाद ही दोनों बच्चियों का अपने परिजनों के साथ संपर्क टूट गया था. जब इस संबंध में शिकारीपाड़ा थाने में मामला दर्ज हुआ और पुलिस दबिश बढ़ी तो आरती हांसदा की बेटी सोनाली ने मीरू टुडू को दिल्ली से लाकर घर पहुंचा दिया. हालांकि उसे विगत 3 वर्षों का तय रकम में से कुछ भी नहीं दिया गया है. वैसे मकड़ा पहाड़ी की रहने वाली दूसरी बालिका अब तक वापस नहीं लौटी है. हमने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. जिसपर प्रशासन द्वारा शिकारीपाड़ा थाने में कांड संख्या 171/ 21 दर्ज करते हुए तफ्तीश शुरू किया गया था. पुलिसिया दबिश बढ़ते ही आज एक नाटकीय घटनाक्रम में तस्करों के जाल में फंसी मीरू टूडू पिता स्वर्गीय फुलेंद्र टूडू ग्राम पोखरिया की घर वापसी हो गई है. फिलहाल दूसरी युवती की बरामदगी को लेकर पुलिस तफ्तीश में जुटी है.

