दुमका (Mohit Kumar) दो माह बाद बालक को सुरक्षित स्थिति में पाकर उसकी मां, दादी और पड़ोसी भावुक हो गये. बालगृह के प्रभारी संजु कुमार ने बालक को समिति के समक्ष प्रस्तुत किया. यह दुमका के चोरकट्टा इलाके में 29 जनवरी को भटकता हुआ मिला था जिसके परिवार का पता नहीं चलने पर 04 फरवरी को चाइल्ड लाइन के माध्यम से समिति के समक्ष प्रस्तुत किये जाने पर समिति द्वारा बालगृह में आवासित कर रखा था.
सीडब्ल्यूसी चैयरपर्सन ने तत्परता दिखाते हुए पश्चिम बंगाल सिउड़ी चाइल्डलाइन के मृणाल दा के माध्यम से मल्लारपुर थाना को बालक के परिवार को उसके दुमका में होने की सूचना दी थी.
चेयरपर्सन डॉ अमरेन्द्र कुमार, सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, डॉ राज कुमार उपाध्याय, कुमारी बिजय लक्ष्मी और नूतन बाला ने इस मामले की सुनवायी करते हुए बालक और उसकी मां का बयान दर्ज किया. उसकी मां ने बताया कि बालक उसका बड़ा बेटा है जो मानसिक रूप से अस्वस्थ है. पाकुड़िया में इलाज के लिए ले जाने के दौरान 23 दिसम्बर 2022 को ही वह लापता हो गया था. तब से लगातार उसकी तलाश की जा रही थी. पश्चिम बंगाल के अलावा वे लोग दो बार दुमका आकर भी बस स्टैण्ड से लेकर कुरूवा एवं आसपास के इलाकों में घर- घर जाकर उसकी तलाश कर चुके हैं. उन्हें मल्लारपुर थाना से सूचना मिली कि उनका बेटा दुमका में मिला है जिसपर वह उसे लेने के लिए आयी है. मां ने कहा कि वह बेटे का अच्छी तरह से ख्याल रखेगी ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो.
समिति ने चोरकट्टा के श्यामल साहा और उनकी पत्नी को फोन कर बुलावाया जिन्होंने पांच दिनों तक इस बालक को अपने घर में रखा था. बालक के परिवार ने समिति के अलावा चोरकट्टा के इस परिवार के प्रति भी आभार जताया और बालक को लेकर घर लौट गये.