दुमका: एक के बाद एक नाबालिग युवतियों के साथ अमानवीय घटना के बाद उपराजधानी दुमका के लोग सड़कों पर हैं. पहले पेट्रोल कांड उसके बाद नाबालिग आदिवासी युवती की हत्या के विरोध में जिले के आदिवासी समुदाय आक्रोशित हो उठे हैं. सोमवार को अलग- अलग आदिवासी समुदाय व संगठनों के लोग सड़क पर उतरे और सभी दुकानों एवं प्रतिष्ठानों को बंद करा जोरदार प्रदर्शन किया.
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बता दें कि दुमका में बीते दो सितम्बर को एक आदिवासी नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म और फिर हत्या की घटना के बाद आदिवासी एवं हिन्दू समर्थित संगठनों में उबाल है. घटना के विरोध में और आरोपी को फांसी की सजा देने और मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर बंद कराया गया है. बंद के दौरान आर्थिक नाकेबंदी, सड़क जाम करने के साथ विभिन्न प्रतिष्ठानों को बंद रखने का आह्वान किया गया है. बंद को समन्वय समिति, बजरंग दल, आदिवासी क्रांति सेना सहित अन्य संगठनों ने समर्थन दिया है.
संताल परगना महाविद्यालय के समीप छात्र समन्वय समिति एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों ने आक्रोशित होकर कहा कि झारखंड में हो रहे बहन- बेटियों के साथ अत्याचार पर सरकार अंकुश नहीं लगा पा रही है. रानीश्वर की एक नाबालिग आदिवासी बेटी को अरमान अंसारी नामक अपराधी ने दुष्कर्म के बाद हत्या करके अमड़ा गांव के पास पेड़ में टांग दिया जो कि बहुत ही निंदनीय और जघन्य अपराध है. इस तरह की घटना को अंजाम देने वाले दरिंदे अपराधी को फास्ट ट्रैक न्यायालय से कानूनी कार्रवाई करते हुए 15 दिनों के अंदर फांसी का सजा दिया जाए. साथ ही पीड़िता के आश्रित परिवारों को बिना विलंब करते हुए एक करोड़ रुपये मुआवजा और एक सरकारी नौकरी दिया जाए. वैसे पुलिस ने मामले में तत्परता दिखाते हुए आरोपी को हिरासत में ले लिया है.
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