कोरोना के लॉकडाउन से छोटे- बड़े व्यवसायी उबरे नहीं थे, कि गुरुवार को दुमका जिला प्रशासन ने शहर में अतिक्रमण मुक्त अभियान चला. जिससे बड़े व्यवसायी को तो नहीं, लेकिन ठेले वाले और खोमचे वाले को एक बार फिर आर्थिक संकट से जिला प्रशासन का डंडा चलने से जूझना पड़ेगा, हालांकि प्रशासन की इस मुहिम से सड़क पर लगने वाले जाम से निजात तो मिलेगी, लेकिन छोटे व्यवसायी को बेरोजगारी की भी दंश झेलनी पड़ेगी. प्रशासन लगातार अभियान चला जल्द शहर को अतिक्रमण मुक्त कराने का दावा कर रही है, लेकिन लोग नगर पर्षद के बड़े नाला को भी अतिक्रमण बहुमंजिला मकान अपने पहुंच और पैरवी पर बना लिया है. जिस ओर प्रशासन अब तक अनदेखी करते आ रही है. हालांकि एसडीएम महेश्वर महतो के नेतृत्व में नगर पर्षद के अधिकारियों के उपस्थित में शहर को अतिक्रमण मुक्त कराने का दावा कर रहे हैं. अब देखना है, कि प्रशासन सरकारी ज़मीन और नालों को अतिक्रमण मुक्त करा पाती है या नहीं, या फिर सड़क किनारे छोटे- मोटे ठेले और खोमचे पर कार्रवाई कर ही खानापूर्ति कर अपने कर्तव्य का निर्वहन कर पल्ला झाड़ लेती है.
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