दुमका/ शिकारीपाड़ा: विगत मई माह से शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के पत्थर औद्योगिक क्षेत्र में प्रशासन द्वारा लगातार की गई कार्रवाई एवं प्राथमिकियों के बाद भी खदान संचालकों के हौसले काफी बुलंद है और नियमों को तोड़- मरोड़ कर अपने फायदे के लिए खदान का संचालन करना इनका पेशा बन चुका है.
ऐसा ही एक मामला मंगलवार को शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के कुसुमघाटी मौजा स्थित विष्णु स्टोन माईन्स का प्रकाश में आया है. जहां जिला खनन पदाधिकारी कृष्ण कुमार किस्कू तथा एसडीपीओ दुमका नूर मुस्तफा अंसारी विभागीय दल- बल के साथ उत्खनन स्थल पर पहुंचे और छापेमारी की. पत्रकारों से बातचीत करते हुए जिला खनन पदाधिकारी ने कहा कि ऐसी सूचना मिल रही थी, कि विष्णु स्टोन खदान के संचालक वीरेंद्र साव द्वारा खदान का संचालन नियमों को ताक पर रखकर किया जा रहा था. ना तो खदान संचालक के नाम विस्फोटक अनुज्ञप्ति है और ना ही विस्फोटक प्रदाता से विस्फोटक ही लिया जा रहा था बल्कि कालाबाजारी से विस्फोटक प्राप्त कर अवैध रूप से खदान में विस्फोट कर उत्खनन का कार्य किया जा रहा था.
छापेमारी के दौरान टीम ने उक्त खदान से 15 पीस जिलेटिन डेटोनेटर एवं यूरिया नाइट्रो ग्लेसरीन बरामद किया है. जिला खनन पदाधिकारी ने आगे कहा कि मामले की जांच की जा रही है और गलत पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
यहां बताते चले, कि ईडी प्रकरण के सामने आने के बाद पूरे झारखंड सहित दुमका जिले में भी पत्थर औद्योगिक क्षेत्र में प्रशासन की ताबड़तोड़ कार्रवाई के फल स्वरुप पत्थर उद्योग लगभग मरणासन्न अवस्था में चला गया क्योंकि कुछ एक को छोड़कर प्रायः खदान एवं क्रशर अवैध ढंग से संचालित किए जा रहे थे. हालांकि कुछ महीनों के बाद लीज धारी खदान का संचालन किया जाने लगा, परंतु इन खदानों में भी ना तो मोबाइल ब्लास्टर की सुविधा है और ना ही किसी खदान में मैगजीन ही बना हुआ है. दिखावे के लिए विस्फोटक प्रदाता से अनुज्ञप्ति प्राप्त कर कुछ विस्फोटक लिया जाता है, बाकी सभी बाहरी बाजार से ब्लैक में लिया जाता है. हालांकि इस पूरे प्रकरण में यदि प्रशासन मामले की गहराई से जांच करे तो ना सिर्फ खदान संचालक, बल्कि विस्फोटक प्रदाता कंपनी की भी चूलें हिलना तय हैं.