DUMKA झारखंड की उपराजधानी दुमका को किसकी नजर लग गई है. सरकार के मुखिया के गृह जिले में अचानक से इतनी अशांति आखिर कैसे फैल गई है, यह चिंता का विषय है. बीते 18 दिनों से दुमका सुलग रहा है, इसके पीछे आखिर कौन है !
बता दें कि बीते 18 दिनों के भीतर दुमका में चार बड़ी घटनाएं हुई है. जिससे दुमका पुलिस- प्रशासन के साथ सरकार भी कटघरे में खड़ी है. पहली घटना 20 अगस्त को घटित हुई थी. जहां एक ऑटो चालक ने एक आदिवासी किशोरी की बेरहमी से पिटाई के बाद उसके पैर तोड़ दी थी. दूसरी घटना पेट्रोल कांड थी जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. तीसरी घटना एक आदिवासी किशोरी के साथ घटित हुई. जहां किशोरी के साथ दुष्कर्म कर उसे पेड़ पर लटका दिया गया. चौथी घटना 7 सितंबर को सेंट्रल जेल के पीछे एक आदिवासी छात्र साहिल सोरेन का शव बरगद के पेड़ से झूलता पाया गया. परिजनों ने इसके पीछे हत्या की आशंका जताई है.
शुक्रवार को आदिवासी क्रांति सेना ने घटनास्थल का दौरा किया और पीड़ित परिजनों से मुलाकात कर सांत्वना दी. इस दौरान सेना के सदस्यों ने सिदो- कान्हू मुर्मू चौक पर एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया और मृत छात्र की आत्मा की शांति की कामना की साथ ही प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग की.