दुमका: 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति का प्रस्ताव पारित होने की खुशी में ज़श्न का माहौल जारी है. रविवार को दिसोम मरांग बुरु युग जाहेर अखड़ा और ग्रामीणों ने हेमंत सरकार के कैबिनेट से 1932 खतियान स्थानीय नीति पास होने के की खुशी में भुरकुंडा पंचायत के गोविंदपुर गांव के मैदान में नाच- गान कर जश्न मनाया.

अखड़ा और ग्रामीणों ने 1932 खतियान स्थानीय नीति पास होने पर हेमन्त सरकार को धन्यवाद दिया. इस खुशी के मौके पर पुरुष, महिला एवं बच्चों ने परम्परिक पोशाक में मांदर के थाप पर नाच- गान किया. अखड़ा और ग्रामीणों का कहना है कि जो नेता, पार्टी 1932 खतियान स्थानीय नीति का समर्थन नही करेंगे उन सभी नेताओं एवं पार्टी का आने वाले चुनाव में सामाजिक एवं राजनीतिक बहिष्कार किया जाएगा. इसके साथ साथ अखड़ा और ग्रामीणों ने हेमन्त सरकार से मांग किया कि 1932 खतियान आधारित नियोजन नीति बनाया जाय और अनुबन्ध, ठेका के नाम पर युवाओ का शोषण करना बंद करे और युवाओ को स्थाई नौकरी देने का काम करे. जब तक ये सभी मांगे पूरी नही हो जाती है तब तक अखड़ा और ग्रामीण अपना हक और अधिकार की लड़ाई जारी रखेंगे. इस मौके में सुनील टुडू, बेंजामिन टुडू, रमेश मुर्मू, बाबूराम सोरेन, सुहागिनी मुर्मू, किशोर टुडू, रमेश मुर्मू, शिरिल मुर्मू,सुनिराम किस्कु,मेरीला सोरेन, मीनू मुर्मू, बहापाकु टुडू, साहेब मरांडी, सलीम मरांडी, अनिल टुडू,सुनिराम किस्कु, पानसूरी मरांडी,नंदलाल रॉय, राजेश टुडू, शयमलाल मरांडी, सोम किस्कु, संजीत टुडू, राजेश टुडू आदि उपस्थित थे.
