सरायकेला (Pramod Singh) गुरुवार को सरायकेला- खरसावां जिला अंतर्गत गम्हरिया प्रखंड के दुगनी पंचायत स्थित कुलडिहा गांव में आदिवासीकुड़मी समाज की एक जनजागरण बैठक ग्राम प्रधान प्रभास महतो की अध्यक्षता में आयोजित की गई. बैठक में मुख्य रूप से समाज की भाषा, संस्कृति, परंपरा की विस्तारपूर्वक चर्चा हुई.
बैठक में वक्ताओं ने कहा कि बदलते परिवेश और विभिन्न बाहरी अतिक्रमण के बीच समाज को सर्वप्रथम यह जानना होगा कि हम क्या हैं और हमारा क्या है. तभी हम अपने समाज को विभिन्न चक्रवात से बचाकर विकास के पथ पर आगे ले जा सकते हैं. अपने संवैधानिक हक व अधिकार के प्राप्ति के प्रति जागरूक हो सकते हैं.
इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष प्रसनजीत महतो ने कहा कि हमारी मूल पहचान कुड़मी जनजाति समुदाय के रूप में है, जो इस बृहत झाड़खंड क्षेत्र के ही नहीं, इस देश के आदिवासी हैं. हमारी स्वायत्त कबीलावाची जनजातीय मातृभाषा कुरमाली है. उन्होंने कहा कि विशिष्ट संस्कृति के रूप में पूर्णतया कृषि और प्रकृति से संबंधित “बारह महीने के तेरह परब” हैं. “कुड़मालि नेगाचारि” के रूप में विशिष्ट परंपरा, “महतो परगनैत” के रूप में स्वायत्त सामाजिक स्वशासन व्यवस्था और इन सबसे भी विशिष्ट पारंपरिक प्रथागत नियम (कस्टमरी लॉ) मौजूद हैं. हम प्रकृति और पुरखों के आराधक सरना के अनुयायी समुदाय हैं. उन्होंने लोगों से आवाहन किया कि अच्छी शिक्षा के साथ हमें अपनी इन चीजों को ना सिर्फ जानना है, बल्कि समझना, मानना और इन्हीं चीजों को करना है. इसी में समाज का हित अंतर्निहित है.
बैठक में सरायकेला- खरसावां जिलाध्यक्ष मनोज महतो, जिला महिला सदस्य रीना महतो, संगीता महतो, गम्हरिया प्रखंड संयुक्त सचिव प्रकाश महतो, सूरज महतो सहित समाज के कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे. बैठक में मुख्य रूप से प्रवीण महतो सांखुआर, बिसनु महतो हिंदइआ, चन्द्रमोहन महतो केटिआर, रिंकी महतो टिड़ुआर, मेनका महतो, कलावती महतो, मनीषा महतो, सुनिता महतो केटिआर, सरिता महतो टिड़ुआर, नरेन्द्रनाथ महतो टिड़ुआर, कालीपद महतो टिड़ुआर, गौतम महतो केटिआर, दमयंती महतो, मंजु महतो, अंजु महतो हिंदइआ, पाने महतो हिंदइआ, कनकलता महतो केटिआर, बिनति महतो केटिआर, प्रतिमा महतो केटिआर, लखिमनि महतो केटिआर, जमुना महतो केटिआर आदि काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे.
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