खरसावां: सरायकेला जिला के खरसावां स्थित काली मंदिर प्रागण में गुरूवार को भाजपाईयों ने जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान दिवस मनाया. भाजपाईयों ने डॉ मुखर्जी के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्वांजलि दी.
मौके पर भारत सरकार के जनजातीय मामलों के केन्द्रीय मंत्री सह खूंटी सांसद अर्जुन मुंडा के नगर विकास एवं आवास विभाग के सांसद प्रतिनिधि सुशील षांड़गी ने कहा कि “एक देश में दो विधान, दो प्रधान, दो निशान नही चलेगे“ के विरोध के कारण कश्मीर सरकार ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी कों गिरफ्तार कर लिया था और नजरबंद कर दिया था. नजरबंद अवस्था में 23 जून 1953 की रात डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जीवन का रहस्मय अंत के हो गया. यह उनका रहस्मय अंत नही एक बलिदान था. हालाकि उनके कीमती बलिदान ने कश्मीर को बचा लिया. कश्मीर में प्रवेश के लिए परमिट प्रणाली खत्म हो गया. केंद्र में भाजपा की सरकार बनते ही कश्मीर से धारा 370 हटा लिया गया और डॉ मुखर्जी का सपना साकार हो गया, मगर आज भी वैसे अदृश्य शक्तियां देश में कार्यरत हैं, जो देश की अखंडता को तोड़ना चाहती है. उनसे सावधान रहने की जरूरत है. श्रद्वांजलि देने वालों में मुख्य रूप से सांसद प्रतिनिधि सुशील षांड़गी, नंदु पाण्डे, जीतवाहन मंडल, चुना कुमार दे, पिंटु कुंवर, गोपाल पति, राजु गोप, कार्तिक गोप, पिंटु नायक, कांदा राउत, विजय महतो आदि उपस्थित थे.
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