चांडिल: चुआड़ विद्रोह के महानायक अमर शहीद रघुनाथ महतो को लेकर उपजे विवाद को चांडिल एससीओ की चिट्ठी ने हवा दे दी है. जहां एसडीओ ने अपने सरकारी आदेश में 21 मार्च को नीमडीह के बुट पड़ासा घुटियाडीह में होने वाले शहीद रघुनाथ महतो के 285 वीं जयंती समारोह के आयोजन को ही नहीं स्वतंत्रता सेनानी रघुनाथ अमर शहीद रघुनाथ महतो को ही फर्जी करार दे दिया.
देखें एसडीएम की चिट्ठी
दरअसल 21 मार्च को नीमडीह प्रखंड के बुट पड़ासा घुटियाडीह में सुभाष सिंह एवं ग्रामीणों द्वारा संयुक्त रूप से हस्ताक्षरीत एक आवेदन पत्र एसडीएम चांडिल समर्पित किया गया था, जिसमें नीमडीह अंतर्गत ग्राम बुट पड़ासा घुटियाडीह में वीर शहीद रघुनाथ महतो की जयन्ती 21 मार्च 2023 के आयोजन पर यह कहते हुए रोक लगाने की मांग की गई थी कि जिस रघुनाथ महतो की जयंती बुट पड़ासा घुटियाडीह में मनायी जा रही है वे फर्जी हैं. जिसे एसडीएम ने भी फर्जी मानते हुए अपने आदेश में वीर शहीद रघुनाथ महतो को फर्जी करार देते हुए उक्त कार्यक्रम को लेकर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी कर दिए. पत्र में निर्देश दिया गया है कि है कि आवेदन पत्र में वर्णित विषय पर कार्रवाई करना सुनिश्चित किया जाए. गौर करने वाली बात है कि 21 मार्च को ही कार्यक्रम थी और उसी दिन एसडीओ ने पत्र जारी किया है. जबकि, घुटियाडीह गांव के आयोजक शहीद रघुनाथ महतो शांति समिति द्वारा 14 मार्च को ही अनुमंडल पदाधिकारी को लिखित सूचना दी गई थी. मंगलवार की सुबह नीमडीह पुलिस भी घुटियाडीह गांव पहुंची थी और आयोजकों को श्रद्धांजलि देने तथा अन्य कार्यक्रम करने से मना किया. साथ ही पुलिस द्वारा मौखिक रूप से आयोजकों समेत अतिथि आजसू नेता हरेलाल महतो के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने की चेतावनी दी है. पुलिस के मना करने तथा चेतावनी देने के बाद भी आयोजकों तथा नेताओं ने श्रद्धा पूर्वक श्रद्धांजलि दी. वहीं, आयोजित कार्यक्रम को संबोधित भी किया.
भूमिज समुदाय कर रहे विरोध, एसडीएम की चिट्ठी से मिला बल
आपको बता दें कि भूमिज समुदाय शुरू से ही चुआड़ विद्रोह के नायक के रूप में रघुनाथ महतो की भूमिका को संदिग्ध बताते हुए इसे कुड़मी समुदाय का दिमागी उपज और इतिहास के साथ छेड़छाड़ बताते हुए विरोध जता रहे हैं. इधर एसडीएम की चिट्ठी ने उनकी मांग को और बल दिया है.
क्या करेगा कुड़मी समुदाय ?
अब देखना यह दिलचस्प होगा कि कुड़मी समाज एसडीएम के इस चिट्ठी को किस अंदाज में लेता है. विदित हो कि मंगलवार को कुड़मी समाज के लोगों ने जमशेदपुर के ऐतिहासिक गोपाल मैदान में अमर शहीद रघुनाथ महतो की 285 वीं जयंती मनाई जिसमें झारखंड के अलावे पश्चिम बंगाल एवं उड़ीसा के कुड़मी समाज के लोगों का महाजुटान हुआ जहां से समाज के लोगों ने चुआड़ विद्रोह के नायक के रूप में रघुनाथ महतो को शहीद का दर्जा देने एवं संसद में शहीद रघुनाथ महतो की प्रतिमा लगाए जाने सहित कुड़मी को एसटी का दर्जा देने, कुरमाली भाषा को संविधान की आठवीं सूची में सूचीबद्ध करने की मांग रखी है. फिलहाल एसडीओ की चिट्ठी के बाद घमासान मचना तय माना जा रहा दें.
Reporter for Industrial Area Adityapur