सरायकेला- खरसावां जिला के आदित्यपुर 2 स्थित 111 सेव लाइफ अस्पताल के प्रबंधक डॉ ओपी आनंद को पिछले दिनों जेल भेजे जाने के बाद से झारखंड की राजनीति बदली बदली सी नजर आ रही है. कोई डॉक्टर ओपी आनंद की गिरफ्तारी को सही मान रहा है, तो कोई इसे गलत बता रहा है.
कुल मिलाकर पिछले एक महीने से डॉक्टर आनंद जमशेदपुर और सरायकेला के राजनीति के केंद्र बिंदु बने हुए हैं. गौरतलब है, कि स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के खिलाफ अमर्यादित बयानों के बाद से सुर्खियों में आए डॉक्टर ओपी आनंद को मरीजों के इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप में गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. डॉक्टर ओपी आनंद से जुड़ा एक पक्ष लगातार आंदोलनरत है बीते दिन बहुजन समाज पार्टी भी उनके पक्ष में मुख्यमंत्री से सीबीआई जांच की गुहार कर चुकी है. अब ग्रामीण क्षेत्रों से भी डॉक्टर ओपी आनंद को रिहा करने की मांग उठने लगी है.
जमशेदपुर के पोटका दिशोम सोहराय कमेटी के सदस्यों ने शनिवार को बैठक कर डॉ आनंद की गिरफ्तारी को गलत बताते हुए जिले के सभी सोहराय समितियों के सदस्यों के साथ राज्य के मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उन्हें अविलंब रिहा किए जाने की मांग उठाने की बात कही है. सोहराय समिति पोटका के अध्यक्ष सुशील हांसदा ने बताया, कि डॉक्टर ओपी आनंद विगत कई सालों से ग्रामीण इलाकों में निस्वार्थ सेवा दे रहे हैं. कोविड-19 के समय में भी उन्होंने क्षेत्र के लोगों को अपनी सेवा दी है. ऐसे में उनकी गिरफ्तारी से क्षेत्र के लोग मर्माहत हैं. उन्होंने अविलंब डॉक्टर ओपी आनंद को रिहा किए जाने की मांग उठाई है. आपको बता दें, कि डॉक्टर ओपी आनंद जमशेदपुर लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं. जहां उन्होंने 22 प्रतिद्वंद्वियों के बीच छठवां स्थान प्राप्त किया था. वैसे यदुवंशी समाज, जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय, आईएमए जमशेदपुर के बाद अब सोहराय समिति भी डॉक्टर आनंद के पक्ष में उतर गई है. ऐसे में अब देखना यह दिलचस्प होगा, कि डॉ आनंद कब तक न्यायिक हिरासत में सलाखों के पीछे रहते हैं.
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