ADITYAPUR सरायकेला- खरसावां जिला के आदित्यपुर थाना क्षेत्र स्थित मिथिला मोटर्स कंपनी के मैनेजर राज रतन श्रीवास्तव ने सोमवार को घर में फंदे से झूलकर आत्महत्या कर ली. राज की मौत रहस्य बनकर न रह जाए इसलिए राज के आत्महत्या का राज ढूंढने की जरूरत है.
भले राज रतन ने परिवार से बगावत कर प्रेम विवाह किया, मगर उनके बूढ़े पिता और सहकर्मियों को अब भी भरोसा नहीं हो रहा है कि राज रतन ने आत्महत्या की है. मंगलवार को राज रतन का जमशेदपुर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज के फोरेंसिक लैब में पोस्टमार्टम के बाद परिजनों ने शव का दाह संस्कार जरूर कर दिया, राज रतन के बूढ़े पिता की आंखें अपने बेटे के लिए इंसाफ मांगती रही.
पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई करने की बात कर रही है. वहीं राज के पिता द्वारा दर्ज एफआईआर के अनुसार राज की मौत की वजह उनकी बहू पिंकी कुमारी, उसके छोटे भाई यानी राज का साला और पिंकी कुमारी के फूफा यानी राज के फुफेरे श्वसुर सत्यप्रकाश हैं.
हमने इसकी पड़ताल शुरू की, कारण कि राज के सहकर्मियों ने भी राज को व्यवहारकुशल और जिंदादिल इंसान बताया और उनके पिता को भी अपने बेटे के आत्महत्या पर भरोसा नहीं हो रहा है. सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं कि एक माह पूर्व जिस इंसान ने अपने मां- बाप से बगावत कर प्रेमिका से शादी कर घरबार छोड़ दिया आखिर उस इंसान के साथ ऐसा क्या हुआ, कि उसे आत्महत्या करनी पड़ी ? सबसे पहले हम राज की राजदार पिंकी कुमारी के राज की पड़ताल शुरू की. हमने पाया पिंकी जमशेदपुर के साकची स्थित नेशनल इलेक्ट्रॉनिक के शो रूम में बतौर सेल्स गर्ल्स काम करती थी, वहां उसके कई कद्रदान होने की जानकारी हमें मिली, उनमें से एक राज रतन श्रीवास्तव भी थे.
वहीं से राज उसके संपर्क में आए. नजदीकियां बढ़ती गयी, राज पिंकी के काफी करीब आ गए, उसके बाद पिंकी ने अपना ट्रांसफर आदित्यपुर के शो रूम में करा लिया. यहां भी हमने पड़ताल किया, यहां के कर्मचारियों ने पिंकी के विषय में चौंकानेवाले खुलासे किए, बताया गया कि पिंकी के लिए हर दिन एक काले रंग का स्कॉर्पियो आता था उसमें कौन रहता था बता नहीं सकते. कर्मचारियों के अनुसार गम्हरिया का एक हिस्ट्रीशीटर अपराधी भी अक्सर पिंकी से मिलने शोरूम में आता था. हमारी तफ्तीश की सुई राज- पिंकी के घर यानी साई आंचल की तरफ गयी, आस- पड़ोस के लोगों से पूछताछ में कुछ खास हमें हाथ नहीं लगे क्योंकि राज एक माह पूर्व ही यहां पिंकी के साथ रहने आए थे. मगर यहां भी काले रंग के स्कॉर्पियो और गम्हरिया के अपराधी का मूवमेंट होने की बात सामने आयी. अब हमने अपने तफ्तीश की सुई मिथिला मोटर्स की तरफ घुमाया, वैसे तो प्रबंधन ने पहले दिन ही यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया था, कि राज घटना के दिन छुट्टी पर था, कारण पत्नी की बीमारी बताया. सवाल यह उठता है कि पत्नी बीमार थी, तो घटना के वक्त वह मायके में कैसे थी ? कंपनी सूत्रों की अगर माने तो राज ने शादी के लिए अपने पीएफ से लोन लिया था मतलब पिंकी को इस बात की भनक लग गई थी, कि राज का खजाना खाली था और उसकी जरूरतों को पूरा करने के लिए राज के पास तनख्वाह छोड़ कुछ भी नहीं बचा था. इसलिए वह अपने कद्रदानों के संपर्क में थी, जो राज को रास नहीं आ रहा था. यही कारण था कि राज शादी के बाद छुट्टी के फौरन बाद घर के लिए निकल जाते थे, सहकर्मियों ने घटना के दिन बताया था कि शादी से पहले छुट्टी के बाद भी घंटों कंपनी में दोस्तों के साथ समय बिताया करते थे.
क्या राज हनी ट्रैप का शिकार हुए !
राज के आत्महत्या और हमारी पड़ताल में जो बातें सामने आयी है उससे यह निष्कर्ष निकलता है कि इस पूरे प्रकरण में राज हनी ट्रैप का शिकार हुए हैं. पिंकी कुमारी के मोबाईल लोकेशन और कॉल रिकॉर्ड की पड़ताल से कई राज खुल सकते हैं. सत्यप्रकाश टाटा स्टील के वेंडर हैं उनके कॉल डिटेल से भी कई राज खुल सकते हैं. घटना के दिन सभी के मोबाईल लोकेशन से भी पूरे मामले का खुलासा हो सकता है.
कैसे मिलेगा इंसाफ
राज रतन श्रीवास्तव के पिता ने तो अपनी बहू पिंकी कुमारी, उनके साले और सत्यप्रकाश को नामजद आरोपी बनाकर एफआईआर दर्ज करा दिया है. मगर क्या वे केस में स्टैंड करेंगे ? अपने बेटे को इंसाफ दिला पाएंगे ? कारण कि उम्र के इस दहलीज पर अपना बोझ संभालना मुश्किल होता है बेटे के इंसाफ का बोझ और कानूनी लड़ाई लड़ना उनके लिए कितना संभव होगा ये गौर करने वाली बात होगी. हालांकि घटना के दिन उन्होंने कहा था मेरा बेटा इतना कमजोर नहीं था वह आत्महत्या नहीं कर सकता.
घटना की सूचना और एमजीएम से साले व सत्यप्रकाश के फरार होने एवं पत्नी के बयान पर गहराया शक
राज रतन श्रीवास्तव के फांसी लगाने की सूचना राज की पत्नी पिंकी ने कंपनी के सहकर्मी को दी, मगर उससे पहले ही राज के छोटे साले और फुफेरे श्वसुर ने पुलिस को सूचना देते हुए एमजीएम अस्पताल ले गए जहां चिकित्सकों ने राज को मृत घोषित कर दिया. उसके बाद साले ने घोषणा पत्र पर गलत मोबाइल नंबर देकर अपने फूफा यानी सत्यप्रकाश के साथ मौके से फरार हो गया. जब कंपनी के सहकर्मी एमजीएम अस्पताल पहुंचे तो वहां कोई नहीं था. सहकर्मियों ने राज के पिता को इसकी जानकारी दी. उसके बाद पिता एवं राज के अन्य रिश्तेदार एमजीएम अस्पताल पहुंचे.