धनबाद: (सूत्र) रविवार को ताज पैलेस बायपास रोड, वासेपुर, धनबाद में तंजीम अहले सुन्नत धनबाद के प्रबंध में लगभग 55 संगठनों के अध्यक्ष, सचिव, सदस्यगण व धनबाद शहर के उलेमाओं की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई जिसमें समाज में आए दिन फैल रही बुराइयां और शादी- विवाह में जरूरत से ज्यादा खर्च को देखते हुए सब की सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया है, कि बरात लाने और ले जाने दोनों में डीजे, पटाखा, नाच- गाना पर पूरी तरह से पाबंदी रहेगी.
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अगर कोई इस कानून का उल्लंघन करता है तो कोई भी काजी व ईमाम उसका निकाह नहीं पढ़ाएंगे और ना ही संगठन का कोई भी सदस्य उस निकाह में शामिल होगा. तंजीम के सचिव मौलाना गुलाम सरवर कादरी ने बताया कि यह निर्णय सबकी सर्वसम्मति से ली गई है. बैठक में सम्मिलित मुफ्ती मोहम्मद रिजवान अहमद सादी ने शिक्षा पर जोर देते हुए मुसलमानों से अपील की है कि विवाह समारोह में फिजूलखर्ची ना कर के उन्ही पैसों को बच्चों की उच्च शिक्षा में लगाएं.
वहीं इमारत ए शरिया धनबाद के मुफ्ती मोहम्मद शाहिद ने अपने वक्तव्य में कहा कि समाज में फैली बुराइयों से बचने का एक ही रास्ता है कि मुसलमान अपने नबी की सुन्नत को अपनाएं.
स्कॉलर मौलाना नौशाद आलम और मौलाना सिराज अहमद मिस्बाही ने कुरान और हदीस के जरिए लोगों को समझाया कि गाना- बजाना, नाचना यह सब इस्लाम में मना है, जबकि महान विद्वान मौलाना यूनुस चतुर्वेदी ने अपने वक्तव्य में कहा कि इत्तेहाद जिंदगी इख्तेलाफ मौत है. बैठक में आए हुए नेतागण व सदस्यों ने उलमा ए केराम के इस सराहनीय निर्णय की प्रशंसा करते हुए कहा कि हर समाज में यह लागू होना चाहिए. बैठक की अध्यक्षता कर रहे तंजीम के अध्यक्ष मुफ्ती मोहम्मद अलाउद्दीन और उप सचिव मौलाना शकील अहमद सकाफी ने आए हुए तमाम मेहमानों, नेतागण व मीडिया बंधुओं को धन्यवाद दिया. कार्यक्रम का संचालन मौलाना आबिद रजा कादरी ने किया. वहीं इस मौके पर धनबाद शहर के तमाम उलमा ए केराम, सभी संगठनों के अध्यक्ष व सचिव और धनबाद के लोग उपस्थित रहे.
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