चांडिल: सरायकेला जिले के चांडिल अनुमंडल स्थित दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी फिर से सैलानियों से गुलजार होने लगे हैं. 193. 22 हेक्टेयर में फैले दलमा सेंचुरी को गजराज परियोजना के लिए जाना जाता है. सैलानी गजराजों का दीदार करने और उनकी गतिविधियों को जानने यहां पहुंचते हैं.
बता दें कि दलमा के बीहड़ो में सैकड़ों जलश्रोत हैं. भीषण गर्मी के समय पश्चिम बंगाल, उड़ीसा आदि राज्यों के साथ झारखंड के कोने- कोने से इस समय गजराजों के झुण्ड यहां पहुंच रहे हैं. गजराजों के लिए पौष्टिक भोजन व पर्याप्त मात्रा में पानी यहां उपलब्ध है. साथ हीं गजराजों के लिए यह प्रजनन का केंद्र भी है. यहां गर्भवती मादा हथनी बच्चे को जन्म देती हैं और पालन पोषण करती हैं. विभिन्न झुण्ड में 15 से 30 और किसी झुण्ड में 50 की संख्या में बच्चे, बड़े मादा गजराज यहां देखने को मिलते हैं. जिसके लिए दलमा जंगल को गजराज परियोजना के नाम से जाना जाता है.
दलमा के बीहड़ों में कई तालाब जैसे बड़का बांध, मंझला बांध, छोटका बांध, महाजाल, मकड़जाल, चिपिंगढाडी, कोंकादासा आदि हैं जहां गजराज पानी और प्रजनन के लिए आते हैं चलानी यहां पहुंच कर गजराज ओके क्रियाकलापों का दीदार करते हैं, और उनकी गतिविधियों को करीब से जानने का प्रयास करते हैं. झारखंड के अलावा पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, बिहार और देश के अलग- अलग हिस्सों से पर्यटक दलमा सेन्चुरी घूमने के लिए आते हैं. साथ ही गजराज को देखने पहुंचते हैं. अब धीरे धीरे गजराज दलमा सेंचुरी में आने लगे हैं कुछ ही दिनों में सैकड़ो गजराज देखने को मिलेंगे. हर साल गजराज सेंचुरी में मादा हथिनी बच्चे को जन्म देती हैं, यही कारण है कि हर झुण्ड में नवजात हाथी देखने को मिलता है, जो सैलानियों के कौतूहल का विषय होता है. रांची- टाटा एनएच- 33 स्थित चांडिल के शहरबेड़ा से दलमा मुख्य चेकनाका माकुलाकोचा से 19 किलोमीटर दूर जंगल के बीहड़ होते जाना पड़ता है .
सेंचुरी घूमने के लिए वन विभाग से गाइड लेना पड़ता है
कई बार गजराज रास्ते में खड़े रहते जिसे पर्यटको के लिए घंटो भर जंगल में फंसे रहने का डर लगा रहता है. जंगल में गजराज के साथ अन्य वन्य जीव- जंतु देखने को मिलता है.
कई बार लोग नाईट सफारी करते हैं पर उसके लिए विभाग से अनुमति लेनी पड़ती है. दिन में सफारी निजी वाहन से करते हैं. वैसे अबतक दलमा सेंचुरी में पर्यटको के लिए सफारी सुविधा उपलब्ध नहीं कराया गया. इस सेंचुरी में गजराज मनुष्य को देख कर आक्रोशित नहीं होते हैं, उनका यहां शांत मिजाज देखा गया है.