झारखंड सरकार के खिलाफ अब पैट्रोल पंप संचालकों ने मोर्चा खोल दिया है. कल यानी मंगलवार को राज्य भर के सभी पेट्रोल पंप को तीन सूत्री मांगों को लेकर पंप मालिकों ने बंद रखने का ऐलान कर दिया है. इधर जमशेदपुर में सुबह से ही पेट्रोल पंपों में ग्राहकों की भीड़ उमड़ पड़ी.
सुबह से ही लोग पेट्रोल और डीजल लेने को लेकर पेट्रोल पंपों में लाईन लगकर पेट्रोल और डीजल भराते देखे गए. इस संबंध में झारखंड पेट्रोल डीजल एसोसिएशन के असिस्टेंट सेक्रेटरी आलोक सिंह ने बताया, कि राज्य सरकार को बार-बार आगाह करने के बाद भी राज्य में पेट्रोल और डीजल पर लगनेवाले से वैट में कमी नहीं करने के कारण बाहर से आने- जानेवाले पड़ोसी राज्यों में पेट्रोल और डीजल ले रहे हैं, जिससे न सिर्फ उन्हें बल्कि राज्य सरकार को भी राजकोषीय घाटा हो रहा है, जबकि उनके द्वारा पूर्व में ही राज्य सरकार को वैट में कटौती किए जाने के बाद भी लाभ होने का ब्लूप्रिंट दे दिया गया है. इसके अलावा सरकारी विभागों में पेट्रोल और डीजल का करोड़ों रुपया बकाया हो चुका है, जिसे अब तक भुगतान नहीं किया गया है. उन्होंने साफ कर दिया है, कि अगर सरकार की ओर से उनके बकाए का भुगतान नहीं किया गया तो, मजबूरन सरकारी गाड़ियों में पेट्रोल डीजल देना बंद कर दिया जाएगा. वहीं बायोडीजल के विश्वसनीयता पर भी उन्होंने सवाल उठाते हुए सरकार से यह मांग उठाई, कि आखिर बायोडीजल कितना शुद्ध है, यह सरकार स्पष्ट करे. क्योंकि बायोडीजल का प्रयोग करने वाले वाहन मालिक जब उनके यहां डीजल लेने आते हैं, उसके बाद इंजन के खराब होने की शिकायत लेकर उन्हें प्रताड़ित करने पहुंच जाते हैं. बायोडीजल की गुणवत्ता को परिभाषित करने के साथ बायोडीजल बेचने का लाइसेंस कहां से दिया जा रहा है इसे भी स्पष्ट करने की मांग की है.