गोपालगंजः बिहार के गोपालगंज में आशिक की हत्या मामले में पुलिस ने युवती के पिता उमेश यादव और उसके चाचा राम भरोसा यादव को रिमांड पर लेकर पूछताछ की. उनसे पूछताछ के बाद सिपाया खास गांव से अमर पटेल को भी पुलिस ने हिरासत में लिया. तीनों से पूछताछ के बाद मामले का खुलासा हो गया. युवक को बेटी से इश्क करने से नाराज उसके पिता व चाचा समेत उक्त तीन लोगों ने मिलकर उसे काट कर बोरे में भरकर गंडक में शव को ठिकाने लगाया था. तीनों को पुलिस ने पूछताछ के बाद जेल भेज दिया है.
गौरतलब हो कि विश्वंभरपुर थाने के रूपछाप गांव के भिखारी यादव के बेटे प्रेम कुमार को तीन अगस्त की रात नौ बजे के करीब उसकी प्रेमिका ने फोन कर बुलाया था. उसके बुलाने पर ही वह उससे मिलने के लिए गया था. जहां प्रेमिका के ही परिजनों ने उसकी बेरहमी से पिटाई कर मार दिया. शव को कालामटिहनियां वार्ड-3 के मोबाइल टावर के पास गंडक नदी फेंक दिया. प्रेम का शव गंडक नदी से आठ अगस्त को बरामद किया था. युवती को भी गंडक नदी में फेंका
वहीं, दूसरी ओर इस मामले में युवती के भी गायब होने की बात कही जा रही थी लेकिन पुलिस ने आरोपितों से सख्ती से पूछताछ की तो उसका भी पर्दाफाश हो गया. आरोपितों ने बताया कि प्रेम यादव की हत्या के बाद उनलोगों ने अंशु को भी रास्ते से हटाने का षड्यंत्र रच दिया. चार अगस्त को बाइक से अंशु को जबरन वे लोग महम्मदपुर थाना क्षेत्र के डुमरिया घाट पुल पर ले गए. वहां से उसे गंडक नदी में धकेल दिया. उफनाई गंडक में अंशु समा गई. हालांकि उसका शव अभी तक बरामद नहीं हुआ है. पूछताछ में मिली जानकारी के बाद इसकी पुष्टि गोपालगंज के एसपी आनंद कुमार ने की है.
युवती ने ही दी थी घटना की जानकारी बताया जाता है कि घटना के दिन प्रेम यादव जब जब देर रात तक नहीं लौटा तो परिजन परेशान थे. रात 11.30 बजे युवती ने घटना की जानकारी प्रेम की बहन को फोन पर दी थी. बहन ने थाने में उस नंबर की जानकारी दी, जिसके बाद थानेदार ने युवती से काफी देर तक बात की. युवती ने पुलिस को बताया था कि उसकी आंखों पर पट्टी बांधी हुई है. वह कहां है उसे पता नहीं है. उसने ही प्रेम को मार देने की बात पुलिस को बताई थी.
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