चक्रधरपुर/ Ashish Kumar verma, चक्रधरपुर रेल मंडल के पादापहाड़- सर्बिल के कई रैयतों की 90 एक्कड़ भूमि रेलवे द्वारा थर्ड लाईन निर्माण के दौरान अधिग्रहित की गई थी. जिसके एवज में उन रैतदारों को मुआबजा राशि और सरकारी नोकरी देने की बात की गई थी. मगर कई वर्ष बीत जाने के बाद भी इन रैतदारों को उनके भूमि का मुआवजा राशि नही मिल सका. जिसे लेकर सांसद गीता कोड़ा के पहल पर चक्रधरपुर रेल मंडल के मंडल रेल प्रबंधक के कार्यालय में त्रिपक्षीय वार्ता का आयोजन किया गया था. जिसमें मुख्य रुप से मंडल रेल प्रबंधक, जिला उपायुक्त, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी पोड़ाहाट मौजूद थी.
त्रिपक्षीय वार्ता के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान सांसद गीता कोड़ा ने कहा, चक्रधरपुर रेल मंडल के पादापहाड़-सर्बिल थर्ड लाईन के निर्माण के दौरान रैतदारों का 90 एक्कड़ जमीन अधिग्रहित करने का दावा किया गया है. जिसमे पादापहाड़ में 68 और सर्बिल में 23 रैयतों का जमीन जाने का दावा किया गया है. इन अधिग्रहित भूमि के एवेज में उन रैतदारों को कई वर्षों के बाद भी न तो मुआबजे के राशि और न ही सरकारी नोकरी दी गई. जिसे लेकर मेरे द्वारा कई बार पत्राचार किया गया.
इस समस्या को लेकर आज चक्रधरपुर रेलवे मंडल मुख्यालय में एक त्रिपक्षीय वार्ता का आयोजन किया गया था. बैठक में निर्णय लिया गया की आगामी 27 जुलाई को रेलवे और जिला प्रशासन के अधिकारी रैयतों के साथ स्थल निरीक्षण कर इसका सत्यापन करेंगे. जिसके बाद मुआवजा दिलाने की आगे की प्रक्रिया किया जाएगा. वहिं श्रीमती कोड़ा ने कहा कि कई बार रैतदारों की जमीन रेलवे या जिला प्रशासन के द्वारा अधिग्रहण की जाती है, पर उन जमीनों का मुआवजा नहीं मिलता है. जिसके कारण सरकार के द्वारा भविष्य में लाए गए कई प्रोजेक्ट के लिए स्थानीय लोग जमीन नहीं देना चाहते. इसलिए अधिग्रहित जमीनों का मुआवजा जल्द से जल्द मिलना चाहिए.
थर्ड रेलवे लाईन निर्माण को लेकर अधिग्रहण किये गये जमीन के रैयतों ने मौके पर कहा कि रेलवे द्वारा रेल लाईन बिछाने के दौरान जमीन लिया गया, लेकिन अबतक मुआवजा नहीं मिला है. उनकी माँग है कि रेलवे उन्हें जल्द मुआवजा दे.