जमशेदपुर: गोलमुरी स्थित टिनप्लेट कंपनी से सटे देबुन बगान में रेलवे के भूखंड पर संचालित अवैध स्क्रैप टाल और गोदाम का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. प्रवर्तन निदेशालय और रेल मंत्रालय तक ट्वीट द्वारा पहुंचाई गई शिकायत के बाद रेलवे ने देबुन बगान के अवैध स्क्रैप टाल मामले को गंभीरता से लिया है. दक्षिण पूर्वी रेलवे आरपीआएफ के बाद शुक्रवार को चक्रधरपुर डिवीजन के डिवीजनल रेलवे मैनेजर (DRM) ने भी मामले में जाँच और आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने संबंधित विभागीय आदेश निर्गत कर दिया है.
डीआरएम ने स्वयं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि मामले में सीकेपी डिवीजन के वरिष्ठ डिवीजनल इंजीनियर को निर्देशित करते हुए आवश्यक कार्यवाही के लिए कहा गया है. रेलवे डीआरएम और आरपीएफ की सक्रियता से यह संभावना जताई जा रही है की जल्द ही देबुन बगान में संचालित अवैध स्क्रैप टाल और गोदाम के विरुद्ध रेलवे प्रशासन की कार्रवाई देखने को मिलेगी.
मालूम हो कि भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के लिए चर्चाओं में रहने वाले युवा भाजपा नेता अंकित आनंद ने गुरुवार को स्क्रैप माफ़ियाओं और रेलवे संपदा विभाग के अधिकारियों पर संलिप्तता का आरोप लगाते हुए रेल मंत्री और प्रवर्तन निदेशालय से प्रकरण में जांच का आग्रह किया था. शिकायत के कुछ ही समय बाद से दक्षिण पूर्वी रेलवे आरपीएफ सहित सीकेपी डिवीजन के डीआरएम ने मामले को संज्ञान में लेकर जांच का आदेश जारी किया है. उधर देबुन बगान के स्क्रैप माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है.
विदित हो कि गोलमुरी के देबुन बगान स्थित दोनों ही स्क्रैप टाल और गोदाम एक कांग्रेसी कार्यकर्ता का है. ऐसी चर्चा है कि देबुन बगान का ‘नामकरण’ भी उसी कांग्रेसी कार्यकर्ता के रिश्तेदार से जुड़ा है. कांग्रेसियों संग रेलवे अधिकारियों की इस “सेटिंग” पर सवाल खड़े करते हुए भाजपा नेता अंकित आनंद ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव सहित प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक से कार्रवाई का आग्रह किया है.