चक्रधरपुर : अपने अंदर अनेकों तरह की खुबसूरती बटोरता चिरिया माइंस का पंप हाउस ( जो पैंपुकोचा) के नाम से प्रसिद्ध है, यहां लोहे के पाइप से झर- झर गिरता पानी लोगों को बारंबार पंप हाउस आने के लिए आकर्षित करता है. चट्टानों के सीने को चीरते हुए ज़मीन के अंदर से बहता पानी और आम के पेड़ों से पटा पंप हाउस आसपास के इलाकों में काफी प्रसिद्ध है. आम के मौसम में आम खाने के लिए यहां बच्चों के साथ बड़ों की भीड़ उमड़ती है. मालूम हो कि पंप हाउस टाउनशिप से अलग करीब एक किलोमीटर दूर चट्टान के बीच स्थित है, जहां पर पूरे माइंस के श्रमिकों को आपूर्ति करने के लिए पानी के टैंक बनाए गए हैं. टैंक में पानी के जमा होने के बाद श्रमिकों के घरों में जलापूर्ति की जाती है. उबड़- खाबड़, टेढ़े- मेढ़े रास्ते से बह रहे उक्त पानी को टैंक से सीधे चिरिया माइंस कर्मी के घरों में सप्लाई किया जाता है. मालूम हो कि पानी की टंकी और आम के पेड़ों से पटा पम्पू कोचा देखने में बहुत लुभावना, आकर्षक और मनमोहक है. ऐसा मनमोहक नजारा कहीं देखने को नहीं मिलता. बताते चलें कि इस रमणीय स्थल में नव वर्ष, पच्चीस दिसंबर, और 31 दिसंबर को लोग वनभोज करने के लिए आते हैं. वैसे सालों भर पम्पू कोचा में लोग वनभोज के लिए आते हैं. राज्य सरकार अगर चाहे, तो इस स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर सकती है, जिससे सरकार व स्थानीय लोगों को फायदा होगा.

