सरायकेला: छोटा गम्हरिया पंचायत के ग्राम प्रधान सूरज लाल महतो उर्फ लाकडू महतो की शिकायत उपायुक्त दरबार पहुंच गई है. सोमवार को पारंपरिक ग्राम सभा छोटा गम्हरिया का एक प्रतिनिधिमंडल पारंपरिक ग्राम प्रधान (माझी बाबा) गंगा राम माझी के नेतृत्व में उपायुक्त कार्यालय पहुंचकर एक ज्ञापन सौंपा है. जिसमे कहा है कि, सरायकेला- खरसावां जिला एक पांचवीं अनुसूची जिला है. छोटा गम्हरिया पंचायत भी इसी का हिस्सा है. क्षेत्र में अनुसूचित जनजातियों के विकास और संरक्षण हेतु कई संवैधानिक प्रावधान है. इसके अनुसार अनुसूचित क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति ही ग्राम प्रधान (मांझी बाबा) बन सकता है. ग्राम छोटा गम्हरिया के पारंपरिक ग्राम सभा के ग्राम प्रधान (माझी बाबा) गंगा मांझी, पिता स्व० हिरो मांझी है. लेकिन कुछ वर्षों से गैर अनुसूचित जनजाति सूरज लाल महतो उर्फ लाकडू महतो, पिता गौर चंद्र महतो असंवैधानिक तौर पर ग्राम प्रधान बनकर पद का दुरूपयोग कर रहे है.
ग्राम सभा के सदस्यों ने बताया कि इससे छोटा गम्हरिया के ग्राम प्रधान (माँझी बाबा) गंगा माँझी के संवैधानिक और मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है. लाकडू महतो कुछ लोगो के साथ मिलकर यहां के लोगों को डरा- धमकाकर इस क्षेत्र में अपना दबदबा बना रखा है. साथ ही छोटा गम्हरिया के अंतरर्गत आने वाली भूमि (रेयती, वनभूमि आदि) को भू- माफियाओं के साथ मिलकर बेचने का काम कर रहे है. इस दौरान कई बाहरी लोगों ने इनसे वन भूमि खरीदी और यहां बस गए. इस तरह से बाहरी लोगों के बसने से आये दिन कुछ न कुछ अपराध की घटनायें हो रही है और यहां की शांति भंग हो रही है.
ग्रामीणों ने बताया कि संविधान के अनुच्छेद 19 (5) के तहत पांचवीं अनुसूचित जिलों या क्षेत्रों में पारंपरिक ग्राम सभा के बिना अनुमति से कोई भी बाहरी (गैर अनुसूचित जनजाति या गैर आदिवासी) व्यक्तियों को स्वतंत्र रूप से भ्रमण करना, निवास करना / बस जाना, घूमना- फिरना वर्जित करता है. संविधान के अनुच्छेद 19 (6) के तहत कोई भी बाहरी (गैर अनुसूचित जनजाति या गैर आदिवासी) व्यक्तियों को पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र में व्यवसाय करना, कारोबार करना एवं रोजगार पर प्रतिबंध है. साथ ही वन अधिकार अधिनियम 2006 का भी पूरी तरह से यहां उल्लंघन किया जा रहा है. सूरज लाल महतो अन्य पिछड़ा वर्ग से आते हैं. इन्होनें भारत का संविधान न मानकर सभी काम संविधान के विरूद्ध किया है. साथ ही अनुसूचित जनजातियों का अपना अलिखित संविधान” रूढ़िवादी प्रथा जिसे अनुच्छेद 13(3) (क) में संवैधानिक बल प्राप्त है, इसके विरूद्ध भी काम किया गया है. लाकडू महतो के गलत कामों से छोटा गम्हरिया के ग्रामीण बहुत परेशान और दु:खी है.
शिकायत में ग्रामीणों ने उपायुक्त से आग्रह किया है कि सूरज लाल महतो को ग्राम प्रधान के पद से हटाकर छोटा गम्हरिया के अनुसूचित जनजाति के संवैधानिक पारंपरिक ग्राम प्रधान (मांझी बाबा) गंगा मांझी को बनाया और पहचान दिया जाये. सूरज लाल महतो द्वारा ग्राम प्रधान के पद से जितने भी आवेदन या पत्रों को सरकारी अथवा गैर सरकारी संस्थानों को दिए गए है सभी आवेदन पत्रों और अभिप्रमाणित दस्तावेजों को दिनांक 01 जुलाई 2024 से रद्द (निरस्त) संमझा जाये. आगे भी सूरज लाल महतो अगर ग्राम प्रधान के पद से किसी भी तरह का आवेदन या पत्र या कोई अभिप्रमाणित दस्तावेज किसी भी सरकारी, गैर- सरकारी संस्थानों या विभाग में जमा करते है तो उसे निरस्त किया जाये. इसके साथ ग्राम छोटा गम्हरिया में वन भूमि में बसाये गये बाहरी लोगो को हटाया जाये जिससे इस क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनी रहे. ग्रामीणों ने बताया कि उक्त सभी बिंदुओं को छोटा गम्हरिया के पारंपरिक ग्राम सभा में चर्चा किया गया और इन सभी बिंदुओं को पारित किया गया है. इसमें मुख्य रूप से पारंपरिक ग्राम प्रधान गंगा मांझी, चंद्रनाथ महतो, मनसा मांझी, कालाचंद मांझी, रामचंद्र हांसदा, मंगल टुडू सहित कई ग्रामीणों के हस्ताक्षर युक्त आवेदन उपायुक्त को सौंपा है.