चांडिल: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की रणभेरी बजते ही गांव की सरकार बनाने की कवायद में रणबांकुरे जोर- शोर से लग गए हैं. पहले चरण के लिए मतदान 14 मई को होना है. प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह आवंटित होते ही प्रत्याशी जनता के बीच पहुंच वायदों की झड़ियां लगाते देखे जा रहे हैं.
इधर सरायकेला जिले के चांडिल अनुमंडल में पहले चरण के चुनाव से पहले हमने चिलगू पंचायत की जनता का मूड जानने का प्रयास किया. बता दें कि इस बार यहां की जनता वर्तमान नरसिंह सरदार से नाराज चल रहे हैं. वैसे उनकी पत्नी कौशल्या देवी ने यहां से अपनी दावेदारी पेश की है, मगर उनके लिए राह आसान नहीं होगा.
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क्षेत्र की जनता की अगर मानें तो वर्तमान मुखिया नरसिंह सरदार का कार्यकाल संतोषजनक नहीं रहा. पंचायत के ज्यादातर गांवों में जरूरी मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है. कदमझोर के आदिम टोला में लगा सोलर जलमीनार सालों से बेकार पड़ा है.
चाकुलिया, मालूकोचा, तुलिन, बगालडीह, काटजोड़,ग्वालपाड़ा, सलगाडीह, करणीडीह, चिलगुडीह और चिलगू में एक भी स्ट्रीट लाइट और सोलर लाइट नहीं जलता है चिलगू में सोलर जल मीनार ध्वस्त हो चुका है. ग्रामीणों ने बताया कि कई बार मुखिया से इसे ठीक कराने की फरियाद भी लगा चुके हैं, मगर मुखिया ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. ग्रामीणों ने मुखिया पर घटिया सामान लगाने का आरोप लगाया है.
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ग्रामीण
वहीं ग्रामीणों ने साल 2020 में पंचायत क्षेत्र के काटजोड़ टोला के जनडीह में सरकारी योजना के तहत मिश्रित फलदार बागवानी के लिए अपनी पत्नी के नाम की जमीन पर शुरू करने की बात कही, जो महज खानापूर्ति साबित हुई. ग्रामीणों के अनुसार योजना की राशि से बागवानी का विकास तो नहीं हुआ, बल्कि मुखिया का विकास जरूर हुआ. वैसे यह जमीन निवर्तमान मुखिया नरसिंह सरदार की पत्नी और वर्तमान मुखिया प्रत्याशी कौशल्या देवी के नाम पर है.
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इसके अलावा ग्रामीणों ने निवर्तमान मुखिया पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. कुल मिलाकर कह सकते हैं कि इस बार निवर्तमान मुखिया की पत्नी के लिए मुखिया चुनाव में जीत की राह आसान नहीं रहनेवाली है. क्योंकि जनता समझ चुकी है कि अभी नहीं तो पांच साल उन्हें तपस्या करनी पड़ेगी.
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