CHANDIL चांडिल प्रखंड के शहरबेड़ा गांव के ग्रामीणों ने आज सरायकेला- खरसवां के उपायुक्त अरवा राजकमल को 250 ग्रामीणों का हस्ताक्षर युक्त एक ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन के माध्यम से ग्रामीणों ने अपने ही गांव के ग्रामप्रधान को हटाने की मांग की है. वहीं, ज्ञापन के साथ पर्याप्त साक्ष्य भी दिया गया है.
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बताया जाता है कि ग्रामीणों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को उपायुक्त से मुलाकात की और शहरबेड़ा ग्रामप्रधान रविंद्र तंतुबाई को पद से हटाने की मांग की है. ज्ञापन में कहा गया है कि झारखंड पंचायत राज अधिनियम के तहत अनुसूचित क्षेत्र में मांझी, मुंडा, पाहन, महतो, लाया ही ग्रामप्रधान हो सकते हैं.
वहीं, संविधान में भी पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में भी यही प्रावधान रखा गया है. ग्रामीणों ने बताया कि इससे पूर्व में भी ग्रामप्रधान को हटाने के लिए कई बार प्रखंड विकास पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी, उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा गया था लेकिन किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई. आज पुनः उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा गया, जिसके बाद उपायुक्त ने उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है. उपायुक्त ने इस संबंध में चांडिल अंचलाधिकारी को तलब करने की बात कही है.
ग्रामीणों ने बताया कि शहरबेड़ा का ग्रामप्रधान पद पर अवैध रूप से रविंद्र तंतुबाई को मनोनीत किया गया है. ग्रामीणों के अनुसार प्रखंड विकास पदाधिकारी के पास ग्रामप्रधान सूची नहीं है, लेकिन, जब किसी योजना का क्रियान्वयन होता है तो अवैध ग्रामप्रधान की अध्यक्षता में ग्रामसभा बैठक की जाती हैं और योजनाओं को पूरा किया जाता है. ग्रामीणों ने उपायुक्त को सौंपे गए ज्ञापन की प्रतिलिपि को मुख्यमंत्री, ग्रामीण विकास मंत्री, मुख्य सचिव समेत कई वरीय एवं विभागीय अधिकारियों को भेजी हैं.
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