चांडिल: चुआड़ विद्रोह के महानायक अमर शहीद रघुनाथ महतो को लेकर उपजे विवाद को चांडिल एससीओ की चिट्ठी ने हवा दे दी है. जहां एसडीओ ने अपने सरकारी आदेश में 21 मार्च को नीमडीह के बुट पड़ासा घुटियाडीह में होने वाले शहीद रघुनाथ महतो के 285 वीं जयंती समारोह के आयोजन को ही नहीं स्वतंत्रता सेनानी रघुनाथ अमर शहीद रघुनाथ महतो को ही फर्जी करार दे दिया था. जिसके बाद खूब हायतौबा मचा. कुड़मी नेताओं ने एसडीओ का पुरजोर विरोध किया. हालांकि एसडीओ ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए सरकारी चिट्ठी के आदेश में संशोधन कर दिया. तब जाकर मामला शांत हुआ.
आखिर कौन है गुनाहगार ?
बड़ा सवाल यह है कि क्या वाकई एसडीओ उक्त प्रकरण के लिए जिम्मेदार थे ? प्रथम दृष्टया तो वे दोषी हैं. इससे इंकार नहीं किया जा सकता है, मगर चांडिल अनुमंडल कार्यालय में इसको लेकर हड़कंप मचा हुआ है. सूत्रों की अगर माने तो चांडिल एसडीओ कार्यालय में पदस्थापित बड़ा बाबू भूमिज समुदाय से आते हैं. उन्होंने ही उक्त चिट्ठी तैयार की थी. एसडीओ ने चिट्ठी के भावार्थ को बिना समझे साइन कर दिया जिसे तत्काल जारी कर दिया गया और अंदर के ही किसी कर्मी ने चिट्ठी को वायरल कर दिया. जो कुड़मी संगठनों के साथ मीडिया कर्मियों के हाथ लग गए. जिसके बाद एसडीओ रंजीत लोहरा कुड़मी संगठन के निशाने पर आ गए. हालांकि एसडीओ ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए पूरे प्रकरण का पटाक्षेप कर दिया. अब सवाल यह उठता है कि आखिर ऐसा साजिश किसके द्वारा और क्यों रचा गया यह जांच का विषय है.
Reporter for Industrial Area Adityapur