चांडिल (Manoj Swarnkar) मंगलवार को चांडिल अनुमंडल कार्यालय सभागार में एसडीएम रंजीत लोहरा की अध्यक्षता में प्राचीन कालीन जयदा शिव मंदिर के बाबा द्वारा श्रद्धालुओं के साथ मनमानी करने के खिलाफ ग्रामीण एवं पंचायत जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक किया गया.
ग्रामीणों ने बताया कि जयदा मंदिर में किसी गरीब की शादी में बाबा मनमानी करते है तथा शुल्क के तैर पर मोटी रकम मांगा जाता है. ग्रामीण द्वारा इसका विरोध करने पर मंदिर में शादी नहीं करने देने की बात कही जाती है. समाजसेवी हिकिम महतो ने बताया कि आज से 50 से 60 साल पहले जब जयदा में उड़ीसा से बाबा आये थे, तब मंदिर में कुछ नहीं था. उस समय यहां के स्थानीय लोग मकर पर्व के अवसर पर जाते थे तथा मंदिर को पत्ता का छामड़ा बनाया जाता था. सुवर्णरेखा नदी में मकर स्नान कर मंदिर में पूजा करते थे. उस समय उड़ीसा बाबा ने लोगों को कहा था मंदिर को ठीक से बनाया जाए, जिससे यहां पर रहा जा सके. उस समय लोगों ने श्रमदान कर मंदिर को बनाया था. आज मंदिर में सरकारी योजना से करोड़ो रुपए खर्च किये गए हैं, लेकिन मंदिर का विकास नहीं हुआ है. उस समय मंदिर में शादी करने का कोई शुल्क नहीं था. मंदिर में शादी का शुल्क बांधना गलत है. जयदा मंदिर यहां के लोगों की धरोहर व पूंजी है.
वहीं कुरली गांव निवासी संजीव टुडू ने बताया कि प्रचीन कालीन जयदा शिव मंदिर कुरली मौजा में है, लेकिन दुर्भाग्य की बात है मंदिर में कुरली गांव का नामोनिशान नहीं है. जयदा मंदिर यहां के लोगों की धरोहर है, और इस धरोहर में शुल्क लगना बहुत ही दुर्भाग्य है. जयदा मंदिर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए करोड़ो रुपये खर्च कर सौंदर्यीकरण किया गया है, लेकिन एक दिन भी लाइट नहीं जला है. उप प्रमुख राम कृष्ण महतो ने कहा कि मंदिर में शादी विवाह में निर्धारित शुल्क नहीं होना चाहिए. स्वेच्छापूर्वक जो दिया जाता है उसी में संतुष्ट होना चाहिए.
इस दौरान एसडीएम रंजीत लोहरा ने जयदा मंदिर के नाम पर संचालन समिति बनाने का निर्देश दिया. जिसमें जयदा मंदिर के आसपास पंचायत के पंचायत जनप्रतिनिधि, ग्राम प्रधान, पारंपरिक ग्राम प्रधान, मांझी बाबा, लाया, महतो को स्थायी सदस्य के रूप में समिति में रखने को कहा. इस मौके पर प्रमुख आमला मुर्मू, जिप सदस्य सविता मार्डी, सीओ प्रणव अंबष्ठ, मुखिया सुकराम बेसरा, पारुल उरांव, खगेन महतो, दीपू जायसवाल, बनु सिंह सरदार, ज्ञानचंद महतो, छुटुलाल महतो, जिपा महतो, परीक्षित महतो आदि मुख्य रूप से मौजूद थे.